
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वागत करते सांसद और विधायक
नोएडाः मुगल शासक औरंगजेब को लेकर छिड़ी देशव्यापी बहस के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को नोएडा में कहा कि अकबर हो या औरंगजेब, हिन्दुओं के प्रति सबकी मानसिकता एक ही थी। यूपी सीएम ने कहा कि नायक अकबर नहीं महाराणा थे, उन्होंने औरंगजेब को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया और घुट-घुट कर मरने पर मजबूर कर दिया। जिन लोगों ने सनातन धर्म को नष्ट करने की साजिश की है, वे भारत के नायक नहीं हो सकते।
राष्ट्र नायकों के आदर्श हम सभी के लिए प्रेरणा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को दादरी में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे आदर्श और राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी और गुरु गोविंद सिंह जी महाराज हैं, ना कि अकबर या औरंगजेब। मुख्यमंत्री ने कहा कि “अकबर कभी नायक नहीं हो सकता। इन्होंने भारत की सनातन परंपरा को रौंदने के लिए तमाम षड्यंत्र रचे। इसके विपरीत, महाराणा प्रताप ने अपने बलिदान से सनातन संस्कृति की रक्षा की।
सीएम योगी ने शिवाजी महाराज और गुरु गोविंद सिंह का भी किया जिक्र
सीएम योगी ने छत्रपति शिवाजी महाराज और गुरु गोविंद सिंह का भी बार-बार उल्लेख किया और कहा कि “ये राष्ट्रनायक हमारी प्रेरणा हैं। जो इनका सम्मान नहीं करते, वे विकृत मानसिकता के शिकार हैं और उन्हें उपचार की जरूरत है। योगी ने महाराणा प्रताप के स्वाभिमान, स्वधर्म और स्वदेश के प्रति अद्वितीय समर्पण को याद करते हुए उन्हें सच्चा राष्ट्रनायक करार दिया। मुख्यमंत्री ने राणा सांगा की वीरता का भी जिक्र किया।
सीएम योगी ने हल्दीघाटी की लड़ाई का जिक्र किया
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में महाराणा प्रताप के जीवन और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने स्वदेश और स्वधर्म के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। तनिक स्वार्थ के लिए सत्ता के सामने झुकने की बजाय, उन्होंने स्वाभिमान को चुना। योगी ने कहा कि चित्तौड़ के राजवंश में जन्में और कुम्भलगढ़ में पैदा हुए महाराणा प्रताप ने मात्र 28 साल की उम्र में अकबर जैसे विशाल साम्राज्य से पहला युद्ध लड़ा।
सीएम योगी ने हल्दीघाटी की प्रसिद्ध लड़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि 20 हजार सैनिकों के साथ लाखों की सेना का मुकाबला करने वाला योद्धा ही हमारा सच्चा नायक हो सकता है। हल्दीघाटी ने उन्हें राष्ट्रनायक का दर्जा दिया। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने अपने जीवनकाल में मेवाड़ के खोए हुए क्षेत्रों को वापस लेकर अकबर को घुटने टेकने पर मजबूर किया, उनके घोड़े चेतक की स्वामिभक्ति भी अद्भुत थी। योगी ने कहा कि मौजूदा समय में भी हल्दीघाटी की मिट्टी को लोग तीर्थ के रूप में सम्मान देते हैं। यह भारत की महान परंपरा का प्रतीक है।
(भाषा इनपुट के साथ)