
तमिलनाडु सरकार ने रुपये का नया सिंबल बनाया।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति, परिसीमन और त्रिभाषा फॉर्मूला जैसे कई मुद्दों पर एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार लगातार केंद्र सरकार से भिड़ रही है। डीएमके का आरोप है कि केंद्र सरकार तमिलनाडु पर हिंदी को थोपने का प्रयास कर रही है। वहीं, अब तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने एक और ऐसा कदम उठा दिया है जिससे विवाद बढ़ सकता है। तमिलनाडु के बजट के Logo में रुपये का सिंबल बदल दिया गया है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में।
क्या है पूरा मामला?
तमिलनाडु सरकार शुक्रवार 14 मार्च की तारीख को राज्य का बजट पेश करने जा रही है। इस बजट को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को X पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में दिख रहा है कि बजट के Logo में रुपये के आधिकारिक सिंबल ₹ की जगह तमिल भाषा में ரூ सिंबल का प्रयोग किया गया है। इस वीडियो को शेयर करते हुए सीएम एमके स्टालिन ने तमिल में लिखा- “समाज के सभी वर्गों के लाभ के लिए तमिलनाडु का व्यापक विकास सुनिश्चित करना।”
स्टालिन का भाजपा पर आरोप
इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को आरोप लगाया है कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) एक भगवा नीति है, जिसका मकसद हिंदी को बढ़ावा देना है। एमके स्टालिन ने ये भी दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय क्षेत्रों के प्रस्तावित परिसीमन के जरिये अपने दबदबे वाले उत्तरी राज्यों में सीटों की संख्या बढ़ाकर अपनी सत्ता बनाए रखने की कोशिश कर रही है।
अन्नाद्रमुक ने डीएमके पर बोला हमला
वहीं, दूसरी ओर अन्नाद्रमुक के नेता एम थंबीदुरई ने कांग्रेस पर तमिलनाडु में हिंदी की शुरुआत करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कांग्रेस से हाथ मिलाने के लिए मंगलवार को डीएमके पर हमला बोला है। थंबीदुरई ने कहा- “त्रिभाषा फॉर्मूले के लिए कौन जिम्मेदार है? यह कांग्रेस की सरकार है। हिंदी की शुरुआत किसने की? कांग्रेस सरकार। वे (द्रमुक) कांग्रेस के साथ क्यों बने हुए हैं? वे (कांग्रेस) त्रिभाषा फॉर्मूला लेकर आए, हिंदी थोपा। यह सब कांग्रेस सरकार ने किया है। अब वे (द्रमुक) उनसे (कांग्रेस) जुड़ गए हैं और एक खेल खेल रहे हैं।” (भाषा के इनपुट के साथ)
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