
मेरठ में नीले ड्रम बेचने वाले व्यापारी परेशान
मेरठ: मेरठ के चर्चित सौरभ हत्याकांड का असर मेरठ में नीले रंग के ड्रम के व्यापारियों पर भी पड़ रहा है। नीले रंग के ड्रम का व्यापार करने वाले व्यापारी डरे हुए हैं और जो ग्राहक नीले रंग का ड्रम खरीदने आते हैं, उनसे आईडी प्रूफ मांग रहे हैं। ठेले पर जूस बेचने वाले एक शख्स ने तो ड्रम का रंग ही बदल दिया है और नीले रंग की जगह सफेद रंग का ड्रम खरीद लिया है।
नीले रंग के ड्रम के व्यापारियों में डर का माहौल
ड्रम बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि अब अगर कोई ग्राहक, ड्रम खरीदने के लिए आता है तो डर लगता है। दुकानदार उनसे पूछते हैं कि ड्रम किस काम के लिए चाहिए। बता दें कि ड्रम आमतौर पर गेहूं, चावल, राशन और पानी भरने के लिए लोग खरीदते हैं। लेकिन पहली बार ऐसा हत्याकांड देखा गया, जिसमें शख्स को मारकर ड्रम में भर दिया गया और ऊपर से सीमेंट कर दिया गया। इस हादसे का प्रभाव नीले रंग के ड्रम का व्यापार करने वालों पर भी दिखाई दे रहा है। उनके पास नीले रंग के ग्राहक भी कम आ रहे हैं।
दरअसल सौरभ मर्डर केस में नीले रंग के ड्रम का इस्तेमाल किया गया था, जिसका असर व्यापार पर भी दिखाई दे रहा है। व्यापारियों का कहना है कि अगर कोई भी ग्राहक नीले रंग का ड्रम खरीदने आता है तो वह उससे पूछते हैं कि किस काम के लिए ड्रम खरीद रहे हो। इसके अलावा ड्रम खरीदने वालों से आईडी भी मांगी जा रही है।
मेरठ में एक ठेले पर जूस बेचने वाले टेकचंद तो इतनी दहशत में आ गए कि उसने अपने नीले रंग के ड्रम को हटा दिया और उसकी जगह सफेद रंग का ड्रम रख लिया। टेकचंद का कहना है कि नीला रंग देखकर जूस पीने वालों की संख्या कम हो गई, वही लोग ठेले पर खड़े होकर तरह-तरह की चर्चा करते थे, जिससे मुझे भी डर लगने लगा, लिहाजा नीला ड्रम हटाकर सफेद ड्रम ले आया हूं।
सौरभ मर्डर के बाद सोशल मीडिया पर मीम्स और रील भी बनने लगी हैं। जिस पर ड्रम कारोबारियों का कहना है कि यह शर्मनाक है। सौरभ की जिंदगी चली गई और रील बनाने वाले लोग नीले ड्रम पर रील बनाकर सौरभ की हत्या का मजाक उड़ा रहे हैं। यह गलत है, तुरंत बंद होना चाहिए। पीड़ित परिवार के दुख को कम करने का प्रयास करना चाहिए। प्रशासन को इस तरह का मखौल उड़ाने वालों पर एक्शन लेना चाहिए। (इनपुट: मेरठ से हिमा अग्रवाल)