'शाहजहां गार्डन' का नाम बदलने की मांग।
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‘शाहजहां गार्डन’ का नाम बदलने की मांग।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने आगरा के ‘शाहजहां गार्डन’ का नाम बदलने की मांग उठाई है। उन्होंने ‘शाहजहां गार्डन’ का नाम अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर रखने की मांग की है। प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य ने इस संबंध में सीएम योगी को पत्र भी लिखा है। बता दें कि शाहजहां गार्डन आगरा जिले में ताजमहल और आगरा किले के बीच बना एक हरा-भरा उद्यान है। बता दें कि इससे पहले भी यूपी सरकार कई शहरों के नाम बदल चुकी है। वहीं समाजवादी पार्टी ने कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य के इस मांग को फैशन बताया है।

अहिल्याबाई होल्कर के नाम से मिलेगी प्रेरणा

बेबी रानी मौर्य ने कहा, ‘‘हां, मैंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को पत्र लिखा है और शाहजहां गार्डन का नाम रानी अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर रखने का मेरा प्रस्ताव जल्द ही मूर्त रूप लेगा। अहिल्याबाई ने महिला सशक्तीकरण के लिए बहुत कुछ किया था।’’ वहीं नाम बदलने की मांग करने के पीछे की वजह के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं आगरा की बेटी हूं और हमेशा महान अहिल्याबाई होल्कर से प्रेरणा लेती रही हूं, जिन्होंने महिलाओं के सशक्तीकरण को बढ़ावा दिया। यह मुद्दा मेरे दिल के बहुत करीब है। इसलिए मुझे लगता है कि इस उद्यान का नाम बदलने से लोगों, खासकर महिलाओं को प्रेरणा मिलेगी।’’ आगरा देहात विधानसभा क्षेत्र से विधायक बेबी मौर्य ने नाम बदलने की विभिन्न मांगों के संबंध में कहा, ‘‘जब हमारे पास इतने सारे ‘रोल मॉडल’ हैं तो मुझे लगता है कि हमें उन पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है और इस तरह के नाम बदलने में कुछ भी गलत नहीं है।’’ 

सपा ने की मांग की आलोचना

कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने दावा किया कि शाहजहां गार्डन का नाम बदलने की उनकी मांग पर विचार करने के निर्देश जारी किए गए हैं। मंत्री का दावा है कि उनकी इस मांग का कई अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी समर्थन किया है। वहीं इस मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता शरवेंद्र बिक्रम सिंह ने कहा कि भाजपा नेताओं का ऐसी मांग करना ‘‘फैशन’’ बन गया है। शरवेंद्र बिक्रम सिंह ने कहा, ‘‘चूंकि भाजपा आम जनता के हित में काम करने में विफल रही है इसलिए इसके नेता ऐसी मांग कर रहे हैं। नाम बदलने और अपनी मांग करने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय भाजपा नेताओं और सरकारों को विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिससे आम आदमी को फायदा हो सके।’’

पहले भी बदले जा चुके हैं नाम

इससे पहले पिछले महीने 29 मार्च को मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर ‘लक्ष्मीनगर’ करने की मांग वाले पोस्टर लगे थे। इसके अलावा प्रदेश के कई अन्य जिलों के नाम बदलने की भी मांग उठ रही है। इनमें अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़, मैनपुरी का नाम बदलकर मायापुरी, संभल का नाम बदलकर पृथ्वीराज नगर या कल्कि नगर, सुल्तानपुर का नाम बदलकर कुशभवनपुर करना शामिल है। प्रदेश सरकार सरकार पहले ही इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज और फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर चुकी है। विपक्षी दलों ने इन कदमों को लोगों का ध्यान मुद्दों से भटकाने के लिए रणनीति करार दिया है। (इनपुट- पीटीआई)

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