
छह सदस्य मकोका के तहत गिरफ्तार
लातूर: महाराष्ट्र के लातूर में एक गिरोह के छह सदस्य मकोका के तहत गिरफ्तार किए गए हैं। इसे लातुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। मकोका की कार्रवाई से गैंगस्टर में दहशत है। लातूर पुलिस ने हिंसक गतिविधियों के लिए एक गिरोह के छह सदस्यों के खिलाफ कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
क्या है पूरा मामला?
अधिकारी ने बताया कि इन छह लोगों पर पहले भी महाराष्ट्र खतरनाक गतिविधियां रोकथाम (एमपीडीए) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है और उन्हें जिले की सीमा से बाहर भी कर दिया गया था, लेकिन उनकी अवैध गतिविधियां जारी रहीं।
उन्होंने कहा, ‘उन्होंने हाल ही में अंबाजोगाई में सार्वजनिक रूप से एक व्यक्ति पर हमला किया था। शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन ने मामला दर्ज किया था। छह लोग अजिंक्य मुले, बालाजी जगताप, अक्षय कांबले, नितिन भालके, साहिल पठान और प्रणव संदिकर हैं। वर्तमान में जिले के विभिन्न पुलिस थानों में उनके खिलाफ 13 मामले दर्ज हैं।’
मकोका क्या है?
1999 में महाराष्ट्र सरकार ने संगठित अपराध और अंडरवर्ल्ड गतिविधियों को रोकने के लिए इस कानून को लागू किया था। इसकी फुल फॉर्म महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट है। ये एक कठोर कानून है, जिसका मुख्य उद्देश्य माफिया, जबरन वसूली, फिरौती, हत्या, धमकी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों पर नियंत्रण करना है, जिनसे बड़े पैमाने पर धन कमाया जाता है।
पहले ये केवल महाराष्ट्र राज्य में लागू था लेकिन 2002 की अधिसूचना के माध्यम से इसे दिल्ली में भी लागू कर दिया गया। मकोका के तहत पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने के लिए 180 दिन का समय मिल जाता है, जबकि सामान्य में यह 60-90 दिन है। इसके तहत आरोपी को आसानी से जमानत नहीं मिलती है। मकोका लगाने के लिए आरोपी का पिछले 10 साल में कम से कम दो संगठित अपराधों में शामिल होना जरूरी है, और इनमें कम से कम दो लोग शामिल होने चाहिए। पुलिस को एडिशनल कमिश्नर से मंजूरी लेनी होती है। (इनपुट: आसिफ पटेल)