संभल में जामा मस्जिद के बाद दरगाह जनेटा शरीफ पर विवाद
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संभल में जामा मस्जिद के बाद दरगाह जनेटा शरीफ पर विवाद

नया वक्फ कानून लागू हो जाने के बाद वक्फ की संपत्तियों को लेकर खुलासे शुरू हो गए हैं। मध्य प्रदेश के पन्ना में इस कानून के तहत पहली कार्रवाई हुई है, यहां सरकारी जमीन पर अवैध रुप से बने मदरसे को ढहा दिया गया है। संभल में शाही जामा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बाद अब संभल की दरगाह जनेटा शरीफ को लेकर विवाद शुरू हो गया है। इसे लेकर प्रशासन ने बड़ा खुलासा किया है, साथ ही दावा किया है कि ये दरगाह वक्फ संपत्ति पर नहीं बनाई गई है, बल्कि यह सरकारी जमीन है। साथ ही इस दरगाह में संदिग्ध गतिविधियां संचालित करने की बात भी कही जा रही है।

जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश

जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने चंदौसी के बनियाखेड़ा विकास खंड के जनेटा ग्राम पंचायत में स्थित एक दरगाह की भूमि पर अवैध कब्जे और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं जिसके बाद जांच शुरू हो गई है। चंदौसी के तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जनेटा गांव की दरगाह के संबंध में प्रशासन को पहले भी शिकायतें मिली थीं। जांच अब 2019 से 2025 तक दरगाह की आय से संबंधित वित्तीय लेन-देन पर केंद्रित होगी।

तहसीलदार ने कही ये बात

जनेटा गांव के एक शख्स जावेद ने सीएम योगी के पास शिकायत दर्ज कराई है और अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि शाहिद नामक व्यक्ति ने दादा मौआजामिया शाह की मजार और जनेटा में कई अन्य मजारों से जुड़ी भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया है। तहसीलदार ने कहा कि शाहिद को संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा गया है। इन दस्तावेजों की गहन जांच के बाद जांच में आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। 

उन्होंने कहा कि यह संपत्ति उनके राजस्व रिकॉर्ड में वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत नहीं है। जांच के बाद पता चला है कि राजस्व अभिलेखों में कहीं भी यह वक्फ संपत्ति नहीं है, बल्कि यह दरगाह के नाम पर दर्ज है और चकबंदी में भी यह दरगाह के नाम पर दर्ज हुई थी, जबकि दावेदारों का कहना है कि यह वक़्फ़ संपत्ति है। अब जांच के बाद ही पता चलेगा कि कब्जा किस तरह और किस आधार पर है।





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