भारत में क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़े हैं। मेट्रो सिटी के अलावा अब टियर टू और थ्री शहरों में भी क्रेडिट कार्ड का चलन तेजी से बढ़ा है। क्रेडिट कार्ड यूज करने वाले में अधिकांश युवा आबादी है। शापिंग से लेकर घूमने और रेस्टोरेंट बिल भुगतान से लेकर टिकट की बुकिंग में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल धरल्ले से हो रहा है। हालांकि, जिस तेजी से क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बढ़ा है, उसी अनुपात में बिल में देरी या डिफॉल्ट की घटना भी बढ़ी है। इसके चलते बहुत सारे लोगों का क्रेडिट स्कोर खराब हो रहा है।
क्रेडिट कार्ड के बिल भुगतान को लेकर बहुत सारे लोगों के मन में कई तरह के भ्रम भी है। उनमें सबसे प्रमुख है क्या बिलिंग साइकल के अंंतिम दिन क्रेडिट कार्ड का बिल भुगतान करने पर क्रेडिट स्कोर खराब होता या असर पड़ता है? अगर आप भी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो और इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं तो चलिए हम देते हैं।
इंडिया टीवी और ट्रांसयूनियन सिबिल के सलाहकार एमवी नायर के बीच सवाल-जवाब
सवाल: क्या अंतिम दिन क्रेडिट कार्ड का बिल का भुगतान करने से सिबिल स्कोर खराब होता है?
जवाब: बिल्कुल नहीं! अगर आप क्रेडिट बिल का भुगतान ड्यू डेट के आखिरी दिन करते हैं तो क्रेडिट स्कोर पर कोई असर नहीं होता है। हां,अगर आप क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान ड्यू डेट के बाद करते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर जरूर खराब होता है।
सवाल: मोबाइल-बिजली बिल नहीं चुकाने या देरी से भरने से भी क्रेडिट स्कोर खराब होता है?
जवाब: मोबाइल-बिजली बिल को अभी तक सिबिल स्कोर में शामिल नहीं किया गया है। सिबिल स्कोर में सिर्फ क्रेडिट बिल को ही शामिल किया गया है। क्रेडिट बिल से तात्पर्य, क्रेडिट कार्ड बिल, होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन की ईएमआई से है। अगर कोई व्यक्ति किसी लोन की ईएमआई या क्रेडिट कार्ड बिल के भुगतान में देरी या चूक करता है तो ही उसका सिबिल स्कोर खराब होता है। मोबाइल या बिजली बिल में देरी या चूक का सिबिल स्कोर पर कोई असर नहीं होता है।
सवाल: सिबिल स्कोर कैसे ठीक करें और इसके क्या फायदे?
जवाब: समय पर ईएमआई और क्रेडिट कार्ड का बिल भुगतान करें। अगर इसके बाद भी सिबिल स्कोर खराब दिखा रहा है तो इसे ठीक कराएं। आप क्रेडिट स्कोर जारी करने वाली कंपनी को सूचना देकर आपना क्रेडिट स्कोर सुधार सकते हैं।
सवाल: सिबिल स्कोर बेहतर होना क्यों जरूरी?
जवाब: सिबिल स्कोर बेहतर होने से न सिर्फ बैंक आपको आसानी से लोन देते हैं बल्कि आप बैंक से कम ब्याज के लिए निगोशिएट (मोलतोल) करने की अर्हता रखते हैं। आप बैंक से कम ब्याज के लिए कह सकते हैं। बैंक आपकी बात मनेगा क्योंकि आपका सिबिल स्कोर बेहतर है।