जनरल मिन आंग हलांग, म्यांमार के लीडर।
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जनरल मिन आंग हलांग, म्यांमार के लीडर।

यांगून (म्यांमार): म्यांमार के भूकंप पीड़ितों की उम्मीद से ज्यादा मदद करके भारत ने इस देश का दिल जीत लिया है। भारतीय टीम लगातार अभी भी म्यांमार में भूकंप पीड़ितों की मदद को तत्पर है। लिहाजा म्यांमार भारत की मदद का मुरीद हो चुका है। अब म्यांमार ने भी नौकरी घोटाले में फंसे चार भारतीय नागरिकों को वापस भारत भेजकर अपना फर्ज अदा किया है। शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। 

भारतीय दूतावास ने घोषणा की है कि उसे म्यांमार के अधिकारियों से इस संबंध में मंजूरी मिल गई है। साथ ही, इसने अन्य लोगों को भी फर्जी नौकरी प्रस्तावों के प्रति भी आगाह किया है। इसने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कल म्यांमार के अधिकारियों द्वारा इन चार भारतीय नागरिकों को म्यावाड्डी परिसर से बाहर निकलने की अनुमति प्रदान की गई तथा उन्हें यांगून के माध्यम से वापस भेजा गया।’’ दूतावास की ओर से पहले की गई पोस्ट के अनुसार, भारतीय नागरिकों को म्यावाड्डी साइबर-घोटाला नेटवर्क से मुक्त कराया गया और स्थानीय अधिकारियों द्वारा उन्हें हपा-आन शहर से यांगून लाया गया, जहां उन्हें भारतीय मिशन को सौंप दिया गया।

भारतीय बन रहे आपराधिक गिरोहों के शिकार

म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर स्थित म्यावाड्डी क्षेत्र में सक्रिय अंतरराष्ट्रीय आपराधिक गिरोहों के शिकार बनने वाले भारतीय नागरिकों की घटनाओं में वृद्धि हुई है। दूतावास भारतीय नागरिकों को ऐसी नौकरी की पेशकशों से सतर्क रहने की चेतावनी देता रहता है। इसने कहा, ‘‘यह अपील की जाती है कि भारतीय नागरिकों को सोशल मीडिया मंचों या अन्य असत्यापित स्रोतों के माध्यम से पेश किए गए नौकरी के ऐसे प्रस्तावों को स्वीकार नहीं करना चाहिए। भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे उस देश में स्थित भारतीय दूतावास के माध्यम से विदेशी नियोक्ताओं की साख की जांच/सत्यापन करें।’(भाषा)

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