
वीवीआईपी इलाके के सरकारी जमीन पर बनी मजार
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लैंड जिहाद का मामला सामने आया है। भोपाल के बेहद वीवीआईपी इलाके में बनी कब्र नुमा दो मजारें हैं। ये दावा हिंदू संगठन ने किया है। सरकारी मकान के अंदर दो मजारों को बनाया गया है। सरकारी सिस्टम पूरी तरह से सोता रहा है। अफसरों की नाक के नीचे ही वीवीआईपी इलाके में अवैध मजार बना दी गईं।
सरकारी मकान के आंगन में बनी मजारें
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के वीवीआईपी इलाके की 1250 क्वार्टर कहे जाने वाले इलाके में लगभग 90% सरकारी मकान बने हैं। इनमें क्लास वन से लेकर बाबू स्तर के तमाम सरकारी अधिकारी रहते हैं। ऐसे में इन्हीं सरकारी मकान की आंगन में बनी दों मजारों ने हिंदू संगठन की नाराजगी बढ़ा दी है। लोगों का कहना है कि मजार यहां सालों से बनी हैं, स्थानीय लोगों का कहना है कि कई सालों से यहां मजार हैं। एक महिला ने बताया कि पहले ये घर मुस्लिम कर्मचारी को एलॉट था।
हिंदू संगठन ने की शिकायत
बरसों से इस इलाके के सरकारी मकान में लोग रहे हैं। यह कब्र नुमा मजार हैं। बहुत पहले बनी है लेकिन हिंदू संगठन मान रहा है कि इस सरकारी मकान में रहने वाले मुस्लिम परिवार ने ही यह मजार बनाई है। यही वजह है कि प्रशासन से हिंदू संगठनों ने शिकायत भी की है। इसकी एक शिकायत कॉपी भी सामने आई है।
हिंदू संगठन ने दर्ज कराई शिकायत
खड़े हुए कई सवाल?
राजधानी भोपाल के बेहद वीवीआईपी इलाके में बनी यह कब्रनुमा मजार हिंदू संगठनों के मुताबिक अभी बनाई गई है या पुरानी है। इस पर जिला प्रशासन को जांच के बाद निर्णय लेना है। बहरहाल इस मामले पर कई सवाल खड़े नजर आ रहे हैं, आखिर सरकारी जमीन पर सरकारी मकान के बीच किस तरह यह कब्र नुमा मजार तामील की गई? क्या तब सरकार के नुमाइंदों ने आपत्ति नहीं दर्ज कराई? अगर यह पुरानी मजार थी तो इसके बगल से सरकारी इमारत कैसे खड़ी कर दी गई?
लैंड जिहाद के खिलाफ होगी कार्रवाई
राजधानी भोपाल में सरकारी घर के बाहर मजार मिलने पर इंडिया टीवी से सरकार के मंत्री कैलाश सारंगी ने बात की है। मंत्री ने कहा कि हमने पहले भी लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई की है। लैंड जिहाद किसी भी स्तर पर किसी के भी द्वारा सहन नहीं किया जाएगा। इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
तथ्य जांचने में नहीं आएगी दिक्कत- मंत्री सारंगी
मंत्री ने कहा कि एसडीएम इस मामले की जांच कर रही है। यह आश्चर्यजनक विषय है, क्योंकि यह मकान 50 साल पुराने हैं। यहां सरकारी कर्मचारी रहते हैं। यह अगर सही है, पहले से अगर मजार होते तो यहां मकान क्यों बनाए जाते। अभी कुछ नहीं कह सकते क्योंकि जांच का विषय है। सरकारी मकान हैं तो तथ्य जांचने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
इसका मतलब मजार बाद में बनाई गई- मंत्री सारंगी
मंत्री ने कहा कि यदि मकान के अंदर मजार मिल रहे हैं। इसका मतलब है मजार बाद में बनी है। वह आपत्तिजनक है। हम यह मानते हैं कि ऐसे इलाके में दफन करके मजार तो बनाई नहीं जा सकती। 50, 55 या 100 साल में तो ऐसा नहीं हुआ है। अगर यह लैंड जिहाद का मामला है तो बहुत गंभीर है। इसे सहन नहीं किया जाएगा। मंत्री सारंगी ने कहा कि हमने पहले भी लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई की है। लैंड जिहाद किसी भी स्तर पर किसी के भी द्वारा सहन नहीं किया जाएगा।