Earthquake
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भूकंप

श्रीनगर: अफगानिस्तान में आए 5.9 तीव्रता के भूकंप का असर जम्मू-कश्मीर में भी देखने को मिला। जम्मू-कश्मीर में भूकंप से लोगों में अफरातफरी मच गई और लोग घरों से बाहर निकल भागे। जानकारी के मुताबिक भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान-तजाकिस्तान बॉर्डर पर था। भूकंप की गहराई धरती के नीचे 86 किमी पर थी। भूकंप से फिलहाल जानमाल के नुकसान की कोई जानकारी नहीं है। भूकंप के झटके दोपहर 12.17 पर महसूस किए गए।

भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर खुली जगह में आ गए। भूकंप का खौफ लोगों के चेहरे पर नजर आने लगा। अफगानिस्तान और पाकिस्तान से लेकर जम्मू-कश्मीर तक की धरती भूकंप के तेज झटके से हिल उठी है। पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। बता दें कि इससे पहले भी इन इलाकों में बड़े भूकंप आ चुके हैं जिससे जानमाल का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था।

शनिवार को भी आया था घाटी में भूकंप

इससे पहले शनिवार (12 अप्रैल) को भी जम्मू कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। शनिवार दोपहर करीब एक बजे मध्यम तीव्रता का भूकंप आया जिसका केंद्र पाकिस्तान में था। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.8 मापी गई थी। इस भूकंप का केंद्र पाकिस्तान में था और यह जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर आया था। हालांकि भूकंप के झटकों से जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था।

2005 के भूकंप ने मचाई थी बड़ी तबाही

बता दें कि जम्मू-कश्मीर भूकंप के लिए बेहद संवेदनशील क्षेत्र है। यह भूकंप के सिस्मिक जोन 4 और 5 में आता है। यहां समय-समय पर छोटे-बड़े भूकंप आते रहे हैं। 2005 में कश्मीर में काफी बड़ा भूकंप आया था। 7.6 की तीव्रता वाले भूकंप ने घाटी में बड़ी तबाही मचाई थी। इस भूकंप में जम्मू-कश्मीर में कम से कम 1,350 लोग मारे गए और 6,266 घायल हुए थे। इस भूकंप का केंद्र पीओके स्थित मुजफ्फराबाद के पास था। पाकिस्तान में 87 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। 

जम्मू-कश्मीर का डोडा, किश्तवाड़, भद्रवाह, और रियासी जैसा इलाका भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं। यह क्षेत्र भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव के कारण फॉल्ट लाइनों पर स्थित है। जम्मू-कश्मीर में 2.0 से 4.0 तीव्रता के छोटे भूकंप अक्सर आते रहते हैं। ये आमतौर पर नुकसान नहीं पहुंचाते। हाल के वर्षों में 4.0 से 5.9 तीव्रता के भूकंप बार-बार आए हैं, लेकिन इनसे बड़े पैमाने पर नुकसान नहीं हुआ। वैज्ञानिकों का मानना है कि हिमालय क्षेत्र में 8.0 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप आ सकता है, जिसके लिए तैयारी जरूरी है।

 

 





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