
अमृतपाल सिंह की हिरासत बढ़ाए जाने पर पिता तरसेम सिंह का आया बयान
पंजाब सरकार द्वारा कट्टरपंथी उपदेशक और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत को एक और साल के लिए बढ़ाई गई है। इसे लेकर अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने पंजाब सरकार की आलोचना की है। तरसेम सिंह ने रविवार को कहा कि सरकार खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल को सलाखों के पीछे रखना चाहती है, क्योंकि वह उन्हें राजनीतिक क्षेत्र में ‘‘खतरा’’ मानती है। सरकार यह चाहती है कि उनका बेटा राजनीति से बाहर रहे।
तरसेम सिंह ने कहा, “यह देश के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्ता में बैठे लोग लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं। देश में इस तरह के काले कानूनों के लिए कोई जगह नहीं है। इस तरह के कानून अल्पसंख्यकों पर थोपे जा रहे हैं और फिर लंबे समय के लिए बढ़ाए जा रहे हैं। लोगों ने उन्हें बड़ी संख्या में वोट दिया और उन पर झूठे मामले लगाकर उन्हें जेल में डाला जा रहा है।”
अमृतपाल सिंह ने पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों में खडूर साहिब से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था और वह काफी हद तक अपनी राजनीतिक पहचान बना चुका था। इस दौरान, उसने खुद एक राजनीतिक पार्टी भी बनाई थी और बठिंडा में बैसाखी पर आयोजित एक बड़े सम्मेलन में भारी भीड़ जुटाई थी।
हिरासत बढ़ाने का आदेश
पंजाब सरकार ने अमृतपाल सिंह की हिरासत को एक और साल तक बढ़ाने का आदेश दिया है, जिसके तहत अमृतपाल सिंह को 23 अप्रैल, 2025 तक हिरासत में रखा जाएगा। अमृतपाल सिंह को 23 अप्रैल, 2023 को असम के डिब्रूगढ़ जेल में एनएसए के तहत भेजा गया था। इसके बाद से उसके पिता ने सरकार के इस कदम को बार-बार चुनौती दी।
अमृतपाल की हिरासत के नए आदेश में यह कहा गया है कि अमृतपाल को रिहा करने से राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था को खतरा हो सकता है। आदेश में यह भी कहा गया कि अमृतपाल के खिलाफ गंभीर और आसन्न खतरा है, इसलिए उनकी हिरासत बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
राज्य सरकार और केंद्र पर आरोप
तरसेम सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार और केंद्र एकजुट होकर अमृतपाल को हिरासत में रखने के लिए काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि अमृतपाल का राजनीति में आना आप सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है, क्योंकि उन्होंने जनसमर्थन जुटाने के लिए कई अभियानों की शुरुआत की थी।
अमृतपाल सिंह की गतिविधियों को लेकर पंजाब में सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं। जनवरी 2023 में कट्टरपंथी नेताओं और अमृतपाल के समर्थकों ने नया क्षेत्रीय राजनीतिक संगठन ‘अकाली दल वारिस पंजाब दे’ का गठन किया था, जो राज्य में बढ़ते उग्रवाद और राजनीतिक संकट का कारण बना है। (इनपुट- भाषा)
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