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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस सांसद शशि थरूर

केंद्र सरकार की ओर से आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बात करके पाकिस्तान के खिलाफ दुनिया भर में भेजे जाने वाले सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के लिए कांग्रेसी सांसदों के नाम मांगे गए हैं। लेकिन कांग्रेस का एक बड़ा तबका विदेश जाने वाले सांसदों के प्रतिनिधिमंडल से शशि थरूर को बाहर रखने की वकालत कर रहा है। बता दें कि सीमा पार आतंकवाद का दंश झेल रही भारत की सरकार अब अपने सांसदों के जरिए पूरी दुनिया को आतंकवाद पर अपने रुख से वाकिफ कराएगी। इस काम के लिए सरकार सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की योजना बना रही है।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल होगी कांग्रेस

इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस भी शामिल होगी। कांग्रेस की ओर से कहा गया कि वह निश्चित रूप से इसमें भाग लेगी। हालांकि सरकार की ओर से इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कांग्रेस की ओर से यह बताया गया कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष से बात की है।

थरूर को क्यों नहीं भेजना चाहती कांग्रेस?

वहीं, पार्टी सूत्रों के मुताबिक सरकार की तरफ से थरूर को भेजे जाने की पेशकश की गई है, जिस पर कांग्रेस की तरफ से फिलहाल साफ किया गया कि कांग्रेस के सदस्यों को चुनना उसका फैसला है, जिसे पार्टी नेतृत्व तय करेगा। हालांकि, पार्टी में चंद लोगों की ये राय हैं कि थरूर अंतरराष्ट्रीय मामलों के बड़े जानकार हैं, बड़ा चेहरा हैं और उन्होंने UN में भी काम किया है, इसके मद्देनजर उनको नहीं भेजने के फैसले से गलत संदेश जाएगा। ऐसे में जल्दी ही पार्टी नेतृत्व रणनीतिकारों के साथ चर्चा करके फैसला करेगा कि थरूर का नाम कांग्रेस सांसदों की लिस्ट में रहेगा या नहीं।

दरअसल, पार्टी आलाकमान और कई नेता हाल में शशि थरूर के मोदी सरकार के समर्थन में की गई लगातार बयानबाजी से नाखुश हैं। खासकर पाकिस्तान के साथ तनाव के समय भी उन्होंने पार्टी लाइन से अलग बयान दिया, जिस पर पार्टी के भीतर की काफी विवाद हुआ।

‘थरूर ने लांघ दी लक्ष्मण रेखा’

कांग्रेस ने कहा था कि पार्टी में सबको अपनी राय रखने की आजादी है, लेकिन लोकसभा सदस्य शशि थरूर ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव से जुड़े मुद्दे पर अपने हालिया बयानों से ‘‘लक्ष्मण रेखा’’ लांघ दी है। सूत्रों ने कहा था कि आलाकमान ने नेताओं को हिदायत दी है कि वे इस मुद्दे पर अपनी व्यक्तिगत राय व्यक्त करने के बजाय पार्टी का पक्ष रखें। कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में एक वरिष्ठ नेता ने थरूर का नाम लिए बगैर पार्टी लाइन से इतर बयान दिए जाने का विषय उठाया और कहा कि नेतृत्व को इसमें दखल देना चाहिए। खुद थरूर बैठक में मौजूद थे।

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