संयुक्त राष्ट्र।
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संयुक्त राष्ट्र: भारत के शांति रक्षा प्रयासों का संयुक्त राष्ट्र (यूएन) भी कायल हो गया है। संयुक्त राष्ट्र ने भारत के इन प्रयासों की जमकर सराहना की है। इसके साथ ही अपराधियों और आतंकवादियों की जवाबदेही तय करने की हिंदुस्तान की स्टाइप भी संयुक्त राष्ट्र को पसंद आ गई है। इससे हाल ही में पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ किए गए भारत के  ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की हनक पूरी दुनिया में पहुंच गई है। संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष शांति रक्षक अधिकारी ज्यां-पियरे लैक्रोइक्स ने संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भारत की भूमिका की सराहना करते हुए कहा है कि हिंदुस्तान न केवल शांति रक्षा का एक प्रमुख समर्थक है, बल्कि वह शांति रक्षकों के खिलाफ होने वाले अपराधों की जवाबदेही तय करने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

लैक्रोइक्स ने यह टिप्पणी बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आयोजित एक मीडिया सत्र के दौरान की। उन्होंने कहा कि फरवरी 2025 में भारत द्वारा आयोजित पहले महिला शांति सैनिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए वे नई दिल्ली आए थे। एक सवाल के जवाब में लैक्रोइक्स ने कहा, “हां, मैं वास्तव में नई दिल्ली और उस सम्मेलन में भाग लेने को लेकर उत्सुक था। सबसे पहले इसलिए क्योंकि भारत संयुक्त राष्ट्र की सेना और पुलिस बलों का एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है। साथ ही, भारत शांति रक्षा प्रयासों का एक मजबूत समर्थक भी है।”

अपराधियों की जवाबदेही तय करने में भारत की स्टाइल सबसे जुदा

लैक्रोइक्स ने कहा कि जब बात अपराधियों की जवाबदेही तय करने की हो तो उस मामले में भारत का प्रयास और उसकी स्टाइल सबसे जुदा है। उन्होंने कहा कि “भारत के पुरुषों और महिलाओं ने शांति अभियानों में उल्लेखनीय योगदान दिया है। इसके अलावा, भारत ने शांति रक्षकों के खिलाफ अपराधों की जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में भी कई बार नेतृत्व किया है, जो अत्यंत सराहनीय है।”‘शांति रक्षा में महिलाएं: एक वैश्विक दक्षिण परिप्रेक्ष्य’ विषय पर यह सम्मेलन विदेश मंत्रालय द्वारा, रक्षा मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक केंद्र (CUNPK) के सहयोग से आयोजित किया गया था।

संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियान में भारत का बड़ा योगदान

भारत इस समय संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में वर्दीधारी कर्मियों का चौथा सबसे बड़ा योगदानकर्ता देश है। वर्तमान में भारत के 5,300 से अधिक सैन्य और पुलिस कर्मी अबेई, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, लेबनान, सोमालिया, दक्षिण सूडान और पश्चिमी सहारा जैसे संघर्ष-ग्रस्त क्षेत्रों में तैनात हैं। जो कि भारत के शांति रक्षा प्रयासों को सिद्ध करने के लिए काफी हैं। (भाषा)

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