आप की अदालतः अदनान सामी के पाकिस्तान छोड़ने से किस जनरल को झटका लगा था? सिंगर ने सुनाया दिलचस्प किस्सा


 'आप की अदालत' में अदनान सामी
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‘आप की अदालत’ में अदनान सामी

ई दिल्लीः मशहूर सिंगर और संगीतकार अदनान सामी ने ‘आप की अदालत’ में इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सवालों का खुलकर जवाब दिया। एक सवाल का जवाब देते हुए अदनान सामी ने कहा कि साल 2005 में जब उन्होंने पाकिस्तान छोड़ा तो तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने उनके पिता को पत्र लिखा था और कहा था कि सामी ने पाकिस्तान छोड़ दिया, उन्हें इस बात की बहुत तकलीफ है।

अदनान सामी के पिता को परवेज मुशर्रफ ने लिखा था पत्र

परवेज मुशर्रफ ने पत्र में लिखा था कि अदनान सामी ने पूरी दुनिया में नाम कमाया है। लेकिन मुझे अफसोच है कि अदनान ने पाकिस्तान को छोड़ दिया। इस खत में कही से भी हकीकत नहीं थी। अदनान ने दावा किया कि वह 2005 में भारतीय नागरिकता नहीं लिए थे। वह उस समय पाकिस्तान के नागरिक थे। मुशर्रफ को किसने गलत सूचना दी। मुझे नहीं पता। 

परेशान किया जा रहा था, इसलिए छोड़ी पाकिस्तान की नागरिकता

अदनान सामी ने बताया कि ऊपर तक ये झूठी बात किसने पहुंचाई ये तो नहीं पता…जाहिर है यह निचले स्तर से होते हुए ही ऊपर तक गई होगी। सिंगर ने कहा कि पाकिस्तानी नागरिकता छोड़ने की अफवाह से उन्हें काफी परेशान किया गया। इसके बाद मैने पाकिस्तान की नागरिकता छोड़ने का फैसला किया। 

मैंने पाकिस्तान में करोड़ों की संपत्तियां छोड़ी

सिंगर ने कहा कि जब वे पाकिस्तान छोड़कर भारत आए थे तब उसके पास वहां पर करोड़ों की संपत्तियां थी। उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया। मुझे पैसे का कोई लालच नहीं था। यहां पर जब मैं आया तो सब कुछ नए सिरे से शुरू करना पड़ा। 

अदनान सामी भावुक हुए

शो के दौरान अदनान सामी अपनी मां के अंतिम संस्कार के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि वह पाकिस्तान में उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होना चाहते थे, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्हें वीजा देने से मना कर दिया। उन्होंने देश के अंदरूनी कामकाज के बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए।  

2016 में मिली भारतीय नागरिकता

बता दें कि अदनान सामी का जन्म 15 अगस्त 1971 को लंदन में हुआ था। उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय से पत्रकारिता और राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की और किंग्स कॉलेज से एलएलबी की। उन्होंने पाँच साल की उम्र में संगीत सीखना शुरू किया और बाद में प्रसिद्ध संतूर वादक पंडित शिव कुमार शर्मा से प्रशिक्षण लिया। 2000 में रिलीज़ हुए उनके म्यूज़िक वीडियो कभी तो नज़र मिलाओ और थोड़ी सी तो लिफ्ट करा दे बहुत हिट हुए और उन्हें वैश्विक प्रसिद्धि दिलाई। उन्हें 2016 में भारतीय नागरिकता प्रदान की गई थी।

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