
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इतिहास रचने से सिर्फ चंद घंटे दूर हैं।
नई दिल्ली: भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम 10 जून को अमेरिका के नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से अंतरिक्ष की सैर पर निकलेंगे। एक्सियॉम-4 (Ax-4) मिशन के तहत वह 11 जून को दोपहर करीब 12:30 बजे (अमेरिकी समय) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जुड़ेंगे। पहले यह लॉन्चिंग 8 जून को होनी थी, लेकिन मौसम की खराबी और स्पेसक्राफ्ट की अंतिम तैयारियों के कारण इसे 10 जून को शिफ्ट कर दिया गया। इस मिशन की कमान नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन संभाल रही हैं, जबकि शुभांशु शुक्ला पायलट की भूमिका में होंगे। उनके साथ पोलैंड के स्लावोज़ उज़नांस्की-विश्निव्स्की और हंगरी के टिबोर कपु भी मिशन एक्सपर्ट के तौर पर शामिल हैं।
अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ने के बाद क्या करेंगे शुभांशु?
बता दें कि यह मिशन स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए पूरा होगा, जो स्पेसएक्स का 53वां ड्रैगन मिशन होगा। शुभांशु शुक्ला भारत के गगनयान प्रोग्राम के 4 अंतरिक्ष यात्री उम्मीदवारों में से एक हैं। अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने के बाद शुभांशु 7 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जो भारतीय शैक्षणिक संस्थानों ने तैयार किए हैं। शुभांशु नासा के साथ भी 5 और प्रयोग करेंगे, जो मानव अनुसंधान से जुड़े होंगे। इस मिशन के लिए इस्तेमाल होने वाला स्पेसएक्स ड्रैगन एक नया स्पेसक्राफ्ट है, जिसका नाम जल्द ही क्रू द्वारा घोषित किया जाएगा।
मिशन पर नहीं पड़ेगा ट्रंप-मस्क विवाद का असर
बता दें कि यह मिशन भारत और नासा के बीच साझेदारी का हिस्सा है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 में अमेरिका दौरे के दौरान की थी। भारत ने इस मिशन पर अब तक 548 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जिसमें शुभांशु और उनके बैकअप ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर की ट्रेनिंग भी शामिल है। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक और सुनहरा कदम है, जो न सिर्फ वैज्ञानिक खोजों को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत की अंतरिक्ष में बढ़ती ताकत को भी दिखाएगा। गौरतलब है कि फिलहाल स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच भारी विवाद चल रहा है लेकिन इसका इस मिशन पर कोई असर नहीं होगा।