Flat Carpet area reduced

Photo:INDIA TV छोटा हो गया फ्लैट

कोरोना महामारी के बाद बड़े फ्लैट की मांग बढ़ी। इसकी बड़ी वजह वर्क फ्रॉम होम कल्चर रहा। लोगों ने अपने घर को ही ऑफिस बना लिया, जिससे उन्हें ज्यादा स्पेस की जरूरत महसूस हुई। इसी वजह से बड़े फ्लैट की डिमांड बढ़ी और कई होम बायर्स ने बजट से ज्यादा खर्च कर डाले। जहां पहले 50-60 लाख में फ्लैट खरीदने की सोच थी, वहीं लोगों ने करोड़ रुपये तक खर्च कर डाले। लेकिन अब यही फैसला उनके लिए घाटे का सौदा बनता जा रहा है। बिल्डरों ने फ्लैट का साइज तो जरूर बढ़ाया, लेकिन लोडिंग के नाम पर बड़ा खेल कर दिया। लोडिंग यानी कॉमन एरिया को इतना बढ़ा दिया गया कि असली इस्तेमाल वाला हिस्सा यानी कारपेट एरिया छोटा हो गया।नतीजा ये हुआ कि होम बायर्स को एक तरफ फ्लैट के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ी, और दूसरी तरफ उन्हें कम स्पेस मिल रहा है। इस तरह वे डबल नुकसान झेल रहे हैं। 

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साइज हो गया छोटा

एनारॉक की रिपोर्ट क्या कहती है?

एनारॉक की रिपोर्ट के अनुसार, देश के प्रमुख शहरों में बिल्डरों द्वारा आम सुविधाएं प्रदान करने के लिए पिछले कुछ साल में औसत लोडिंग प्रतिशत को बढ़ाकर 40% करने से अपार्टमेंट में सुपर-बिल्ट-अप एरिया और कारपेट एरिया के बीच का अंतर पिछले कुछ वर्षों में बढ़ गया है। 2019 में औसत लोडिंग प्रतिशत 31 प्रतिशत था। वहीं, इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में यह बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया है। इसका मतलब है कि फ्लैट मालिकों को रहने लायक जगह कम मिल रही है। उदाहरण के लिए अगर सुपर बिल्ट-अप एरिया 1,300 वर्ग फीट और कारपेट एरिया 1,000 वर्ग फीट है, तो लोडिंग प्रतिशत 30 प्रतिशत होगा।

डेवलपर्स ने क्यों बढ़ाएं लोडिंग? 

रियल एस्टेट एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद लग्जरी प्रॉपर्टी की मांग तेजी से बढ़ी है। मेट्रो सिटीज में बेहतर लाइफस्टाइल और सारी सुविधाओं से लैस प्रोजेक्ट की मांग की चाह बढ़ी। घर खरीदने वाले अब बुनियादी जीवनशैली सुविधाओं से संतुष्ट नहीं हैं- वे फिटनेस सेंटर, क्लबहाउस, पार्क जैसे बगीचे और भव्य लॉबी की अपेक्षा करते हैं। इसके चलते डेवलपर्स लेआउट में बदलाव कर सभी एमेनिटीज मुहैया कराने की कोशिश कर रहे हैं। इतना ही प्रोजेक्ट को खूबसूरत दिखाना भी जरूरी है।  इसका खामियाजा यह हुआ है कि सुपर एरिया बढ़ा गया है और फ्लैट का कारपेट एरिया घट गया है। होम बायर्स को बड़े साइज के फ्लैट के लिए ज्यादा पैसा चुकाने के बाद भी छोटा घर​ मिल रहा है। 

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