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Photo:FILE कब हुआ था एयर इंडिया के विमान का इंश्योरेंस

अहमदाबाद में हादसे का शिकार हुए एयर इंडिया में सवार 242 में से 241 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इस हादसे में ब्रिटेन का एक नागरिक बच गया, जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। अहमदाबाद एयरपोर्ट से टेक-ऑफ करने के कुछ ही मिनटों के अंदर विमान एक रिहायशी इलाके में क्रैश हो गया था। ये विमान एयरपोर्ट के नजदीक स्थित डॉक्टरों के हॉस्टल से टकरा गया था, जिससे हॉस्टल में रहने वाले 56 लोगों की भी मौत हुई है। इस दर्दनाक हादसे में कुल मिलाकर अभी तक 297 लोगों की मौत की पुष्टि की जा चुकी है।

टाटा ग्रुप ने किया मुआवजे का ऐलान

विमान में 12 भारतीय क्रू मेंबर्स के अलावा 169 भारतीय यात्री, 53 ब्रिटिश यात्री, 7 पुर्तगाली यात्री और 1 कनाडाई यात्री सवार था। एयर इंडिया की पैरेंट कंपनी टाटा ग्रुप ने इस हादसे में मारे गए लोगों को 1-1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही, कंपनी ने कहा है कि वे घायलों के इलाज का भी पूरा खर्च उठाएगी। बताते चलें कि ये विमान हादसा, दुनिया के सबसे बड़े और भयानक विमान हादसों में शामिल हो गया है। 

क्या विमान का इंश्योरेंस हो रखा था

ब्रोकरेज फर्म हाउडेन (इंडिया) के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमित अग्रवाल ने कहा कि इस हादसे में ​​विमान को होने वाले नुकसान को उस अनुभाग के तहत कवर किया जाएगा, जो विमान के वर्तमान मूल्यांकन, जिसमें कलपुर्जे और उपकरण भी शामिल हैं, का बीमा करता है। उन्होंने कहा कि ड्रीमलाइनर के लिए, इसकी संरचना, आयु और अन्य कारकों के आधार पर, ये मूल्य 21.1 करोड़ डॉलर से 28 करोड़ डॉलर के बीच हो सकता है। 

कब हुआ था एयर इंडिया के विमान का इंश्योरेंस

अमित अग्रवाल ने कहा, “संबंधित विमान (वीटी-एबीएन) 2013 मॉडल का था और उपलब्ध जानकारी के आधार पर, 2021 में इसका लगभग 11.5 करोड़ डॉलर का बीमा किया गया था। चाहे क्षति आंशिक हो या पूर्ण, नुकसान को एयरलाइन द्वारा घोषित मूल्य के आधार पर कवर किया जाएगा।” इंश्योरेंस ब्रोकर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईबीएआई) के अध्यक्ष नरेंद्र भारिंदवाल के अनुसार, एयर इंडिया जैसी प्रमुख एयरलाइन के लिए विमानन बीमा कार्यक्रम बेड़े के आधार पर व्यवस्थित किए जाते हैं और लंदन और न्यूयॉर्क जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पुनर्बीमा किए जाते हैं। 

क्या एक ही इंश्योरेंस कंपनी उठाती है जोखिम

उन्होंने कहा, “कोई भी एक बीमाकर्ता पूरा जोखिम नहीं उठाता। कवरेज वैश्विक पुनर्बीमाकर्ताओं के बीच व्यापक रूप से वितरित किया जाता है, जिसमें 1.5 प्रतिशत से 2 प्रतिशत तक की छोटी हिस्सेदारी होती है और एक प्रमुख पुनर्बीमाकर्ता आमतौर पर 10-15 प्रतिशत लेता है। ऐसी घटनाओं का वित्तीय प्रभाव वैश्विक रूप से इस नेटवर्क में साझा किया जाता है।”

पीटीआई इनपुट्स के साथ

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