अदालत के आदेश की अवहेलना करना सतना कोतवाली थाना प्रभारी को पड़ा महंगा

अदालत के आदेश की अवहेलना करना सतना कोतवाली थाना प्रभारी को पड़ा महंगा

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सतना कोतवाली थाना प्रभारी (TI) रविंद्र द्विवेदी को अदालत के आदेश की अवहेलना करने पर एक अनोखी सजा सुनाई है। उन्हें अपनी निजी आय से 1000 फलदार पौधे लगाने और उनकी एक साल तक देखभाल करने का निर्देश दिया गया है। यह पूरा मामला सतना में एक नाबालिग से रेप के केस से जुड़ा है।

इन फलों के पेड़ लगाने के आदेश

दरअसल, हाई कोर्ट ने नाबालिग पीड़िता को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था, लेकिन TI रविंद्र द्विवेदी ने इस आदेश का पालन नहीं किया। इसे अदालत की अवमानना मानते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की डबल बेंच ने द्विवेदी को 1 जुलाई से 31 अगस्त 2025 के बीच चित्रकूट क्षेत्र में आम, जामुन, महुआ और अमरूद जैसे 1000 फलदार पौधे लगाने का आदेश दिया है। 

उन्हें इन पौधों की जीपीएस लोकेशन के साथ तस्वीरें भी अदालत में पेश करनी होंगी। इसके अतिरिक्त, TI को एक साल तक इन पौधों की देखभाल भी करनी होगी। हाई कोर्ट ने आदेश के अनुपालन रिपोर्ट के साथ पुलिस अधीक्षक (SP) का शपथ पत्र भी प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए हैं।

मौत की सजा से कारावास

एक अन्य खबर में, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने चार वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के दोषी की मौत की सजा को 25 वर्ष के सश्रम कारावास में बदल दिया था। अदालत ने पाया कि दोषी युवक अशिक्षित है और एक गरीब आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखता है। अदालत ने गुरुवार को अपने आदेश में दोषी पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल और न्यायमूर्ति देवनारायण मिश्रा की खंडपीठ ने स्वीकार किया कि अपीलकर्ता (अदालत ने नाम का खुलासा नहीं किया) ने एक ‘क्रूर कृत्य’ किया, क्योंकि उसने एक बच्ची से दुष्कर्म किया और उसका गला घोंट कर उसे मरने के लिए छोड़ दिया। पीठ ने साथ ही यह भी कहा, “दोषी 20 वर्षीय अशिक्षित युवक है व आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखता है और उसके माता-पिता ने कभी उसे शिक्षा देने की कोशिश नहीं की। उसकी ठीक से देखभाल नहीं की गई, इसलिए दोषी ने अपना घर छोड़ दिया और एक ढाबे (रेस्तरां) में रह कर काम कर रहा था।” 

पीठ ने कहा कि ढाबे का माहौल अच्छी परवरिश के लिए अनुकूल नहीं हो सकता, इसलिए अदालत ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 6 (गंभीर यौन उत्पीड़न) के तहत दंडनीय अपराध के लिए उसकी मौत की सजा को 25 वर्ष के सश्रम कारावास में बदल दिया। खंडवा जिले की पॉक्सो अदालत ने 21 अप्रैल, 2023 को दोषी युवक को मौत की सजा सुनाई थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, दोषी ने 30-31 अक्टूबर, 2022 की दरमियानी रात बच्ची को उसकी झोपड़ी से अगवा कर उससे दुष्कर्म किया। अभियोजन पक्ष ने बताया कि बच्ची बेहोशी की हालत में मिली थी। (भाषा इनपुट के साथ)

(रिपोर्ट- देबजीत देब)

ये भी पढ़ें-

“मरने के बाद दफनाना मत…”, गंगा में अस्थि विसर्जन करने अमेरिका से पूरा परिवार पहुंचा पटना

VIDEO: जब ट्रेन में सफर के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गाया- ‘सुहाना सफर…’





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version