अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप(दाएँ) और ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई (बाएँ)
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप(दाएँ) और ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई (बाएँ)

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की भंयकर बेइज्जती कर दी है। ट्रंप ने शुक्रवार को ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली खमिनेई के हालिया बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, “आप को बुरी तरह पीटा गया है, अब आप नरक में हो”। ट्रंप ने खामेनेई से लोगों को सच्चा बताने की चुनौती दी। ट्रम्प ने यह भी दावा किया कि उन्होंने इज़रायल और अमेरिका दोनों को खामेनेई पर हमला करने से रोका और उन्हें “कई बार बहुत ही बदसूरत मौत से बचाया”।

खामेनेई के दावे पर भड़के ट्रंप

अयातुल्ला खमिनेई ने हाल ही में रिकॉर्ड किए गए अपने बयान में दावा किया था कि ईरान ने “इज़रायल के साथ युद्ध जीत लिया” और कतर में अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइल हमला करके “अमेरिका के चेहरे पर थप्पड़” मारा। यह सुनते ही ट्रंप भड़क गए। उन्होंने पत्रकारों से खामेनेई को संबोधित करते हुए कहा, “देखिए, आप एक धर्मनिष्ठ इंसान हैं… आपको सच बोलना होगा। आप पूरी तरह पिट गए हो।” उन्होंने खमिनेई को ईरान में उच्च सम्मान वाला राजनीतिक-अध्यात्मिक नेता बताते हुए उन्हें अपने बयान का सामना करने को कहा ।

ट्रंप ने कहा-हमने बचाई खामेनेई की जान

ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर बताया कि इज़रायल ने खमिनेई को निशाना बनाने की योजना बनाई थी, जिसे उन्होंने खुद ही रोक दिया। उन्होंने कहा, “मैं जानता था कि वह(खामेनेई) कहाँ छिपे हैं, और मैंने इज़रायल या अमेरिकी सेना को उन्हें खत्म करने की अनुमति नहीं दी… मैंने उन्हें बहुत ही बदसूरत और अपमानजनक मौत से बचाया।” उन्हीं दावों के संदर्भ में ट्रम्प ने आगे कहा कि युद्ध के दौरान अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु प्रतिष्ठानों को नष्ट कर दिया, जिससे तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को भारी नुकसान पहुंचा ।

फिर हरकत की तो दोबारा हमला

ट्रम्प ने चेतावनी दी कि यदि ईरान फिर से अपने परमाणु कार्यक्रम की ओर लौटता है, तो वह नए प्रतिबंधों को आसान करने की कोशिश नहीं करेंगे और युद्ध को दोबारा सक्रिय करने की भी संभावना रखते हैं। उन्होंने यह तक कह दिया कि जरूरत पड़ी तो अमेरिका दोबारा भी ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमला कर सकता है। 

ट्रंप ने कहा-इजरायल और ईरान थके हुए

ट्रम्प ने कहा कि ईरान और इज़रायल दोनों “थक चुके” हैं और फिलहाल परमाणु क्षमता की दिशा में नहीं बढ़ना चाहते। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अंतर्राष्ट्रीय निरीक्षण एजेंसियों द्वारा ईरान की गतिविधियों पर निगरानी की जाएगी। इस पर ईरानी विदेश मंत्रालय ने ट्रम्प के कड़े शब्दों की कड़ी निंदा की और कहा कि अगर ट्रम्प ईरान के साथ परमाणु वार्ता चाहता है, तो उसे खमिनेई के प्रति “असम्मानपूर्ण लहजे” का परित्याग करना चाहिए। 

खामेनेई ने ट्रंप को ललकारा

खमिनेई ने ट्रम्प को “धौंस दिखाने वाला” बताते हुए कहा कि ईरानी लोग “धौंस में नहीं गिरेंगे” और “संघर्ष के लिए तैयार हैं” । ट्रम्प के इन विवादास्पद बयान से साफ है कि उन्होंने खामेनेई को “बुरी तरह पिटा हुआ” बताया, उन्हें सच बोलने की चुनौती दी, और कहा कि उन्होंने उन्हें हमला से रोका। इसके साथ ही नए संभावित परमाणु हमलों और प्रतिबंधों को लेकर भी चिंता बनी हुई है।

खामेनेई का दावा हकीकत से कोसों दूर

ट्रंप ने खामेनेई की अमेरिका को दी गई चेतावनी पर तंज कसते हुए कहा कि उनका इज़रायल पर जीत का दावा हकीकत से कोसों दूर है। ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत और फिर सोशल मीडिया पर दिए गए एक विस्तृत बयान में कहा कि खामेनेई की टिप्पणियां उन हालातों के बिल्कुल विपरीत हैं, जो 12 दिनों तक इज़राइली हमलों और अमेरिका द्वारा तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर बमबारी के बाद बने। ट्रंप ने कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को इस हमले से भारी नुकसान पहुंचा है और खामेनेई जैसे शक्तिशाली धार्मिक और राजनीतिक नेता से ऐसी बातें “शोभा नहीं देतीं”।

ट्रंप ने खामेनेई के बारे में कहा?

डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) की एक शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी हमलों से ईरान का परमाणु कार्यक्रम केवल कुछ महीनों के लिए पीछे गया है। इस रिपोर्ट के लीक होने के बाद ट्रंप और उनके सलाहकारों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। वहीं, ईरान के 86 वर्षीय खामेनेई, जिनकी सेहत को लेकर अटकलें लग रही थीं, इन बयानों के ज़रिए यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वह अब भी निर्णायक नेतृत्व कर रहे हैं और युद्धकालीन निर्णयों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

नेतन्याहू करना चाहते थे खामेनेई की हत्या

शुक्रवार को किए गए एक सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार ने युद्ध की शुरुआत में खामेनेई की हत्या की योजना व्हाइट हाउस को सौंपी थी। लेकिन ट्रंप ने उस योजना को वीटो कर दिया, जैसा कि एक अमेरिकी अधिकारी ने गोपनीय रूप से पुष्टि की। यह बयानबाज़ी इस बात का संकेत है कि ईरान-अमेरिका-इज़राइल के बीच तनाव अभी और गहराने की संभावना है, भले ही सैन्य कार्रवाई फिलहाल थमी हो।

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