हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर
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हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर

अक्सर लोग हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन चिकित्सा विज्ञान की दृष्टि से ये दोनों स्थितियां बिल्कुल अलग हैं। एशियन अस्पताल में स्थित हृदय रोग विशेषज्ञ, डॉ. प्रतीक चौधरी के अनुसार, ये दोनों ही हृदय से जुड़ी गंभीर समस्याएं हैं, लेकिन इनके कारण, लक्षण और उपचार में अंतर होता है। चलिए जानते हैं वो अंतर क्या है?

हार्ट अटैक क्या है?

हार्ट अटैक जिसे मेडिकल भाषा में मायोकार्डियल इंफार्क्शन कहा जाता है, तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों तक खून पहुंचाने वाली धमनियों (कोरोनरी आर्टरीज) में रुकावट आ जाती है। यह रुकावट आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल के जमाव या रक्त के थक्के के कारण होती है। जब हृदय की मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो वह हिस्सा धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो सकता है।

हार्ट अटैक के लक्षण

हार्ट अटैक के लक्षणों में सीने में दबाव या दर्द, बांह, जबड़े, पीठ या गर्दन में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, पसीना आना, चक्कर आना और मतली शामिल हो सकते हैं। यदि समय पर इलाज न हो तो यह जानलेवा हो सकता है।

कार्डियक अरेस्ट क्या है?

कार्डियक अरेस्ट एक आपातकालीन स्थिति है जिसमें हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है। इसका कारण हृदय की विद्युत प्रणाली में गड़बड़ी होती है, जिससे हृदय प्रभावी ढंग से खून को पंप नहीं कर पाता। इससे मस्तिष्क और अन्य अंगों तक खून की आपूर्ति रुक जाती है और कुछ ही मिनटों में बेहोशी, सांस रुकना या मृत्यु हो सकती है।

कार्डियक अरेस्ट के लक्षण

कार्डियक अरेस्ट के लक्षण अचानक और गंभीर होते हैं, व्यक्ति अचानक गिर जाता है, न तो धड़कन होती है और न ही सांस। यह स्थिति हार्ट अटैक के दौरान या उसके बाद भी हो सकती है, लेकिन दोनों का कारण और उपचार अलग होता है।

दोनों के बीच मुख्य अंतर क्या है?

हार्ट अटैक एक रक्त प्रवाह की समस्या है, जबकि कार्डियक अरेस्ट विद्युत प्रणाली की गड़बड़ी है। हार्ट अटैक में हृदय चलता रहता है, लेकिन कमज़ोर हो सकता है, वहीं कार्डियक अरेस्ट में हृदय की धड़कन ही रुक जाती है। हार्ट अटैक के दौरान चेतना बनी रह सकती है, लेकिन कार्डियक अरेस्ट में व्यक्ति तुरंत बेहोश हो जाता है।

हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दोनों ही गंभीर स्थितियां हैं, लेकिन इन्हें समझना और समय पर सही इलाज प्राप्त करना जीवन बचा सकता है। यदि किसी को हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट का संदेह हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें। समय पर सीपीआर और उचित उपचार व्यक्ति की जान बचा सकते हैं।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।

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