
फैसल मलिक, अशोक पाठक और चंदल रॉय।
अमेजन प्राइम वीडियो की पॉपुलर वेब सीरीज ‘पंचायत’ का चौथा सीजन आ चुका है और धूम मचा रहा है। दर्शकों की उत्सुकता अपने चरम पर है। इस सीरीज ने नए कई दिलचस्प किरदारों को जन्म दिया, लेकिन उनमें से एक किरदार ऐसा जो पुराना है, लेकिन इस सीजन में काफी ज्यादा निखर कर सामने आया है और अब इसकी ही एक्टिंग की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। लोगों का कहना है कि इस किरदार को बेहतर तरीके से तराशा गया है। पुराने सीजन में ये किरदार बेहद कम समय के लिए स्क्रीन पर नजर आया, फिर भी दर्शकों के दिल में बस गया। आज ये किरदार मीम की दुनिया का किंग है। हम बात कर रहे हैं बिनोद की भूमिका निभाने वाले अभिनेता अशोक पाठक की, जिन पर फिल्माया गया ‘देख रहा है बिनोद?’ आज भी सोशल मीडिया पर मीम्स और चुटकुलों में जिंदा रहता है। हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि इस छोटे से रोल के पीछे एक लंबा, संघर्षों से भरा सफर छुपा है।
कैसे पहुंचे कान्स
दो साल पहले अशोक पाठक को दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में से एक, कान्स फिल्म फेस्टिवल में देखा गया, जहां उन्होंने अपनी फिल्म ‘सिस्टम मिडनाइट’ के प्रीमियर में शिरकत की। यह उनके करियर का एक बड़ा मोड़ साबित हुआ, जहां उन्हें रेड कार्पेट पर जबरदस्त सम्मान मिला। रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म के प्रीमियर के दौरान दर्शकों ने अशोक के लिए लगभग 10 मिनट तक तालियां बजाईं, जो उनके अब तक के संघर्ष की सच्ची उपलब्धि है।
बचपन का संघर्ष
अशोक पाठक का जन्म बिहार के सीवान जिले में हुआ था। हालांकि उनका बचपन वहां नहीं बीता, क्योंकि वे अपने माता-पिता के साथ काम की तलाश में फरीदाबाद चले आए थे। आर्थिक तंगी के कारण अशोक को बहुत कम उम्र में काम करना पड़ा। नौवीं कक्षा में पढ़ते समय, वे अपने चाचा के साथ साइकिल पर रूई बेचते थे और रोजाना 100 से 150 रुपये तक की कमाई करते थे ताकि घर का खर्च चल सके।
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शिक्षा और थिएटर की राह
हालांकि आर्थिक परिस्थितियां कठिन थीं, अशोक ने पढ़ाई नहीं छोड़ी। उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की और इसके बाद भारतेंदु नाट्य अकादमी में दाखिला लिया। यहाँ उन्हें स्कॉलरशिप भी मिली, जिसने उनके अभिनय करियर की नींव रखी। फिर वह दिल्ली आए और शुरुआत में इंजीनियरिंग की तैयारी करने लगे, लेकिन पढ़ाई में मन न लगने के कारण उन्होंने थिएटर की ओर रुख किया। उनके भाई ने उन्हें इस दिशा में प्रेरित किया और फिर शुरू हुआ अभिनय का असली सफर।
बड़े पर्दे पर दस्तक
अशोक को पहला बड़ा मौका मिला इम्तियाज़ अली की फिल्म ‘हाईवे’ में, जो उनके करियर की पहली फिल्म थी। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्हें ‘फुकरे रिटर्न्स’, ‘खानदानी शफाखाना’ और नेटफ्लिक्स की हिट सीरीज़ ‘सैक्रेड गेम्स’ जैसे प्रोजेक्ट्स में काम करने का मौका मिला। हालांकि उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, लेकिन ‘पंचायत’ से उन्हें घर-घर में पहचान मिली। मज़ेदार बात ये है कि उन्होंने इस सीरीज़ में पहले काम करने से मना कर दिया था। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वह इस रोल को बहुत छोटा समझ रहे थे, लेकिन डायरेक्टर के बार-बार आग्रह पर उन्होंने इसे किया और यही किरदार उन्हें स्टार बना गया।