
बालासोर केस
ओडिशा के बालासोर के एक कॉलेज में एक छात्रा ने अपने कॉलेज के प्रोफ़ेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। उसने एक लंबा पत्र लिखकर प्रोफ़ेसर द्वारा महीनों तक किए गए दुर्व्यवहार और धमकियों का ब्यौरा दिया, लेकिन कॉलेज प्रशासन या पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। ग्यारह दिन बाद, पीड़ित छात्रा ने खुद को आग लगा ली। छात्रा 90 प्रतिशत से ज़्यादा जल चुकी है और एम्स, भुवनेश्वर में ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। छात्रा की कई शिकायतों पर कथित तौर पर कोई कार्रवाई नहीं करने के आरोप में कॉलेज के प्रिंसिपल को अब गिरफ़्तार कर लिया गया है।
बीएड की छात्रा ने खुद को लगा ली आग
एफएम कॉलेज में बी.एड कर रही छात्रा ने 1 जुलाई को कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति में औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने अपने विभागाध्यक्ष प्रोफेसर समीर कुमार साहू पर बार-बार यौन उत्पीड़न और उसके शैक्षणिक भविष्य को बर्बाद करने की धमकियों का आरोप लगाया था। उसने जो पत्र सौंपा था, उसमें महीनों तक उसके साथ हुए दुर्व्यवहार का विवरण था। पत्र की एक प्रति 1 जुलाई को सोशल मीडिया पर भी साझा की गई थी, जिसमें ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अन्य शीर्ष अधिकारियों को टैग किया गया था।
जीवन और मौत के बीच झूल रही छात्रा
शिकायत के बावजूद, कॉलेज ने कोई कार्रवाई नहीं की। सूत्रों के अनुसार, उसे बताया गया था कि संस्थान सात दिनों के भीतर कार्रवाई करेगा। बारह दिन बाद, 1 जुलाई को, उसने कॉलेज गेट के बाहर छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान आत्मदाह कर लिया। छात्रा अभी भी अस्पताल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर है। डॉक्टरों ने पुष्टि की है कि उसका 95 प्रतिशत से अधिक शरीर बुरी तरह जल चुका है। उसे बचाने की कोशिश करने वाला एक छात्र भी 70 प्रतिशत तक जल चुका है और उसका भी एम्स में इलाज चल रहा है।
प्रिंसिपल हुआ गिरफ्तार
घटना के बाद, साहू को बालासोर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उसके बाद कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप घोष को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। ओडिशा उच्च शिक्षा विभाग ने बाद में साहू और कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप घोष, दोनों को निलंबित कर दिया था। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कहा कि “जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”