Sawan 2025
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बेलपत्र चढ़ाने के मंत्र

सावन का आज पहला सोमवार है, जिसे बेहद खास माना जा रहा है। मान्यता है कि सावन में सोमवार के दिन बाबा भोलेनाथ अपने परिवार के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान होते हैं। ऐसे में जो भी भक्त इस समय उनकी पूजा या व्रत करता है, वह उसकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। भोलेनाथ को बेलपत्र भी अतिप्रिय माना जाता है। मान्यता है कि बिल्व पत्र की पत्तियां त्रिदेव का प्रतीक है। धार्मिक मान्यता है कि बेल पत्र चढ़ाने से शिव जी बेहद प्रसन्न होते हैं और जातक को आशीर्वाद देते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि बेलपत्र चढ़ाने के क्या नियम है और किन मत्रों का जप करना चाहिए…

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के नियम

बेलपत्र चढ़ाने से पहले उसे गीले कपड़े से पोछ लें। शिव को चढ़ाने के दौरान बेलपत्र का सीधा भाग यानी चिकना हिस्सा शिवलिंग पर स्पर्श करे। वहीं, बेलपत्र हमेशा 3,5,7, 11, 21 की संख्या में ही चढ़ाएं। साथ ही बेलपत्र चढ़ाते समय उसकी डंठल अपनी ओर रखें। बेलपत्र हमेशा 3 पत्तियों वाला ही चढ़ाएं

ऐसे बेलपत्र चढ़ाने से बचें

अगर बेलपत्र कहीं से कटा या फटा हो तो उसे भोलेनाथ को अर्पित न करें। बेलपत्र मुरझाया हुआ नहीं होना चाहिए। ध्यान रहे कि चढ़ाते समय बेलपत्र पर कीड़े वगैरह न हों।

बेलपत्र चढ़ाने के क्या हैं मंत्र?

नमो बिल्ल्मिने च कवचिने च नमो वर्म्मिणे च वरूथिने च नम: श्रुताय च श्रुतसेनाय च नमो

दुन्दुब्भ्याय च हनन्नयाय च नमो घृश्णवे।।
दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनम् पापनाशनम्।
अघोर पाप संहारं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्।।
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम्।
त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्।।
अखण्डै बिल्वपत्रैश्च पूजये शिव शंकरम्।
कोटिकन्या महादानं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्।।
गृहाण बिल्व पत्राणि सपुश्पाणि महेश्वर।
सुगंधीनि भवानिश शिवत्वंकुसुम प्रिय।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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