पीड़ित प्रशांत प्रफुल नागवेकर
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पीड़ित प्रशांत प्रफुल नागवेकर

मुंबईः मुंबई में एक शख्स से साइबर ठगों ने करीब तीन लाख रुपये ठग लिए। जानकारी के मुताबिक गरीबी से परेशान होकर एक शख्स ने किडनी बेचने का किया फैसला, लेकिन ठगी का शिकार होकर 2.95 लाख रुपये गवां दिए। पीड़ित की शिकायत के आधार पर मुंबई पुलिस ने केस दर्ज मामले की जांच शुरू कर दी है।

साइबर ठगों ने करीब 3 लाख रुपये लगाया चूना

पुलिस की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक मुंबई के दहिसर इलाके में रहने वाले 45 वर्षीय प्रशांत नागवेकर ने लंबे समय से चल रहे कर्ज से निपटने के लिए अपनी किडनी बेचने का फैसला किया। लेकिन किस्मत इतनी खराब थी कि गूगल पर सर्च इंजन का उपयोग करके जिसे फोन किया वे लोग साइबर ठग थे और अपनी बातों में उलझा कर पीड़ित से लगभग 3 लाख रुपये ठग लिए। 

गरीबी में जी रहा परिवार

प्रशांत प्रफुल नागवेकर अपने परिवार के साथ, जिसमें उनकी पत्नी, बेटा, मां और एक भाई शामिल है, मुंबई के दहिसर इलाके में एक झुग्गी पुनर्वास भवन के एक छोटे से फ्लैट में रहते हैं। उनके भाई छोटे-मोटे काम करके घर का खर्च चलाते हैं, जबकि नागवेकर ही घर का मुख्य खर्च चलाते हैं। पिछले 10 सालों से वह अंधेरी पूर्व स्थित इंडोसिटी इन्फोटेक लिमिटेड में ऑफिस बॉय के रूप में काम कर रहे हैं, उन्हें हर महीने 15 हजार रुपये सैलरी मिलती है जिसमें से 10 हजार हर महीने मकान का किराए में चले जाते हैं और पांच हजार में घर का खर्च चलता है।

प्रशांत नागवेकर को वर्षों से अपनी आर्थिक तंगी का एहसास होने लगा था। उनके 10 साल के बेटे को अच्छे स्कूल में भेजना था। नागवेकर एक घर भी खरीदना चाहते थे। इस उम्मीद में कि इससे उन्हें मासिक किराया बच जाएगा लोन लेना कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने अपने आस-पास के लोगों को लंबी अवधि के लोन में फंसते पहले ही देखा था। उन्होंने आसपास पूछताछ की, लोगों से बात की और सोचा कि अपने ऑर्गन बेचने से उन्हें अच्छा पैसा मिल सकता है और उनकी सारी आर्थिक परेशानियां भी खत्म हो सकती हैं।

कर्ज चुकाने के लिए बेचना चाहता था किडनी

पीड़ित ने काफी दिन तक इधर-उधर पता किया कि वे अपना ऑर्गन कैसे बेच सकते हैं और डार्क वेब तक पहुंच गए। वेब पोर्टल से उन्हें पता चला कि नई दिल्ली के एक अस्पताल में किडनी बेची जा सकती है और उन्होंने विज्ञापन में दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। पीड़ित प्रशांत ने नंबर डायल किया और उन लोगों को बताया कि वे अपनी एक किडनी बेचना चाहते हैं।

उन लोगों ने प्रशांत से उसके बारे में सब कुछ पूछा और उससे कहा कि वे दोबारा फोन करेंगे।” प्रशांत ने अपने परिवार में किसी को भी अपनी योजना के बारे में नहीं बताया। 16 जून, 2025 को नागवेकर अपनी कंपनी के बोरीवली कार्यालय में थे, तभी उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया। दूसरी तरफ़ मौजूद व्यक्ति ने उन्हें बताया कि वह किडनी बेचने के बारे में उनके सवाल के जवाब में कॉल कर रहा है।

लोन लेकर ठगों को दिया 2.95 लाख

व्हाट्सएप कॉल करने वाले ने उसका नाम, पता पूछा, ब्लड ग्रुप और सारी जानकारी लेते हुए प्रशांत को बताया गया कि उनकी एक किडनी के बदले एक करोड़ मिलेंगे, लेकिन उससे पहले उन्हें ऑपरेशन से पहले की कई जांचों के लिए 2.95 लाख जमा करने होंगे, जिनका इंतज़ाम खरीदार करेगा। जब नागवेकर ने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई तो उन्होंने उन्हें छोटी-छोटी किश्तों में भुगतान करने को कहा और उन्हें पैसे जमा करने के लिए तीन अलग-अलग खाते दिए एक करोड़ पाने के लिए बेताब नागवेकर, जो कभी कर्ज नहीं लेना चाहते थे, उन्होंने ऑनलाइन लोन ऐप्स से पर्सनल लोन लिया और 2.95 रुपये लाख जमा कर दिए।

पुलिस कर रही है मामले की जांच

पैसे मिलने की पुष्टि के बाद फ़ोन करने वालों ने उसे बताया कि उसे 1.30 लाख रुपये और देने होंगे। नागवेकर को यह पहली बार लगा कि कुछ गड़बड़ है और उसने पैसे देने से इनकार कर दिया, लेकिन बाद में जब भी उसने फ़ोन करने की कोशिश की तो कोई जवाब नहीं आया। आखिरकार प्रशांत को यह बात समझ में आ गई की उनके साथ धोखाधड़ी हुई है और पीड़ित में मुंबई के दहिसर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई जिसके आधार पर पुलिस ने केस रजिस्टर किया और आगे जांच कर रही है।





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