
यूक्रेन में जेलेंस्की के नए कदम के खिलाफ लोगों में गुस्सा देखने को मिला है।
कीव: यूक्रेन की राजधानी कीव और कई अन्य शहरों में मंगलवार को हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। ये लोग राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से एक नए कानून को रद्द करने की मांग कर रहे थे, जिसे भ्रष्टाचार विरोधी संस्थाओं को कमजोर करने वाला माना जा रहा है। रूस के साथ 3 साल से चल रही जंग के बीच यह सरकार के खिलाफ पहला बड़ा प्रदर्शन था। बता दें कि यूक्रेन की संसद ने हाल ही में एक कानून पास किया है, जिसके तहत 2 प्रमुख भ्रष्टाचार विरोधी संस्थाओं, नेशनल एंटी-करप्शन ब्यूरो ऑफ यूक्रेन (NABU) और स्पेशलाइज्ड एंटी-करप्शन प्रॉसिक्यूटर्स ऑफिस (SAPO) पर निगरानी बढ़ाई जाएगी।
कानून पर दस्तखत कर चुके हैं जेलेंस्की
आलोचकों का कहना है कि यह कानून इन संस्थाओं की आजादी छीन लेगा और राष्ट्रपति जेलेंस्की के करीबी लोगों को जांच पर ज्यादा नियंत्रण देगा। मंगलवार देर रात संसद की वेबसाइट के अनुसार, जेलेंस्की ने इस कानून पर दस्तखत कर दिए। बता दें कि यूक्रेन के लिए भ्रष्टाचार से लड़ना बहुत अहम है, क्योंकि यह यूरोपीय संघ में शामिल होने और पश्चिमी देशों से मिल रही अरबों डॉलर की मदद को बनाए रखने के लिए जरूरी है। इस कानून के पास होने से यूक्रेन में लोगों में गुस्सा है। कई लोगों का कहना है कि रूस के ड्रोन और मिसाइल हमलों से ज्यादा यह कानून नैतिक रूप से बड़ा झटका है।
दोनों संस्थाओं ने जारी किया संयुक्त बयान
नए कानून के तहत प्रॉसिक्यूटर जनरल को NABU और SAPO की जांच और केस पर ज्यादा ताकत मिलेगी। दोनों संस्थाओं ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘अगर यह कानून लागू हुआ, तो SAPO का प्रमुख सिर्फ नाम का रह जाएगा, और NABU अपनी आजादी खोकर प्रॉसिक्यूटर जनरल के ऑफिस का हिस्सा बन जाएगा।’ यूरोपीय संघ की विस्तार आयुक्त मार्टा कोस ने इस कानून पर चिंता जताई। उन्होंने X पर लिखा, ‘यह कदम यूक्रेन के लिए पीछे की ओर है। NABU और SAPO जैसी स्वतंत्र संस्थाएं यूक्रेन के EU में शामिल होने के रास्ते के लिए बहुत जरूरी हैं। कानून का शासन EU में शामिल होने की शर्तों के केंद्र में है।’
विरोध प्रदर्शन करती हुई एक युवती।
प्रदर्शन के दौरान जमकर हुई नारेबाजी
प्रदर्शन में शामिल लोग जेलेंस्की और उनके इस कदम के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए दिखे। लोगों का गुस्सा उनके प्रदर्शन के जरिए साफ जाहिर हो रहा था। कुछ का मानना था कि यूक्रेन की सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने के बजाय अपने करीबियों को बचाने में लगी है। ब्लॉगर और एक्टिविस्ट इहोर लाचेनकोव ने लोगों से प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की थी। उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार हर देश में समस्या है, और इसे हमेशा रोकना चाहिए। यूक्रेन के पास रूस की तुलना में बहुत कम संसाधन हैं। अगर हम इन्हें गलत इस्तेमाल करेंगे या चोरों की जेब में जाने देंगे, तो हमारी जीत की उम्मीदें कम हो जाएंगी। हमारे सारे संसाधन जंग में लगने चाहिए।’
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने भी की आलोचना
यूक्रेन की ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल शाखा ने भी इस कानून की आलोचना की। संगठन ने जेलेंस्की से कानून को वीटो करने की मांग की, वरना ‘वे संसद के साथ भ्रष्टाचार विरोधी ढांचे को तोड़ने की जिम्मेदारी साझा करेंगे।’ वहीं, प्रदर्शन में शामिल ओलेह सिमोरोज नाम के एक सैनिक, जो 2022 में घायल होने के बाद व्हीलचेयर पर हैं, ने कहा, ‘जिन्होंने कानून और संविधान की रक्षा की कसम खाई, वे अपने करीबियों को बचाने में लगे हैं, भले ही यह यूक्रेनी लोकतंत्र की कीमत पर हो। राष्ट्रपति अपनी ताकत का इस्तेमाल अपने दोस्तों से जुड़े आपराधिक मामलों को नियंत्रित करने के लिए कर रहे हैं।’
जेलेंस्की के लिए अच्छी खबर नहीं है यह प्रदर्शन
जेलेंस्की के दफ्तर ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। पिछले हफ्ते राष्ट्रपति ने अपने युद्धकालीन मंत्रिमंडल में फेरबदल किया, जिसे उनके करीबी लोगों को और ताकत देने की कोशिश माना जा रहा है। सोमवार को यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी ने NABU के 2 अधिकारियों को रूस से संबंध के शक में हिरासत में लिया और अन्य कर्मचारियों की तलाशी ली। युद्ध के दौरान यूक्रेन में प्रदर्शन ज्यादातर युद्धबंदियों की रिहाई या लापता लोगों के लिए हुए हैं। लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ इतने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन, और वह भी रूस के साथ जंग के बीच, जेलेंस्की के लिए अच्छी खबर नहीं है। (AP)