
प्रेम चोपड़ा और मनोज कुमार
लेजेंडरी एक्टर मनोज कुमार अब हमारे बीच नहीं रहे जो अपनी देशभक्ति फिल्मों के लिए मशहूर हुआ करते थे। आज, 24 जुलाई को उनकी पहली बर्थ एनिवर्सरी है। हिंदी सिनेमा में मनोज कुमार के नाम से मशहूर हुए एक्टर का असली नाम हरिकिशन गिरि गोस्वामी था। उन्हें भारत कुमार के नाम से भी जाना जाता था। अपने 4 दशक के बेहतरीन फिल्मी करियर में उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में दी। लेकिन, देशभक्ति पर आधारित फिल्मों ने उन्हें सिनेमा में खास पहचान दिलाई। इतना ही नहीं एक्टिंग के अलावा उन्होंने डायरेक्शन में भी अपना कमाल दिखाया था। उनकी ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘उपकार’ सभी को बहुत पसंद आई थी, जिसके गाने से लेकर डायलॉग्स तक आज भी लोग भूल नहीं पाए हैं। हालांकि, इस फिल्म को बनाने के पीछे मजेदार किस्सा भी है जो लाल बहादुर शास्त्री से जुड़ा हुआ है।
मनोज कुमार ने क्यों बनाई थी उपकार
‘उपकार’, ‘पूरब-पश्चिम’, ‘क्रांति’, ‘रोटी-कपड़ा’ और ‘मकान’ जैसी हिट फिल्मों दे चुके मनोज कुमार को लाल बहादुर शास्त्री ने उनके फेमस नारे ‘जय जवान जय किसान’ पर फिल्म बनाने को कहा था। फिर क्या उन्होंने 1967 में फिल्म ‘उपकार’ बनाई जो उस वक्त सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक थी। देशभक्ति से सराबोर इस फिल्म ने क्रिटिक्स और प्रशंसकों से वाहवाही लूटी। इसके बाद उन्होंने देशभक्ति पर कई फिल्में बनाई जो हिट साबित हुई। इसका म्यूजिक ‘मेरे देश की धरती’ 1960 के दशक का छठा सबसे ज्यादा बिकने वाला हिंदी फिल्म एल्बम था। इस फिल्म ने अभिनेता मनोज को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिलवाया था। खास बात यह थी कि मनोज कुमार ने ही इस फिल्म को डायरेक्ट किया था। ये उनकी डायरेक्टोरियल डेब्यू फिल्म थी।
मनोज कुमार कैसे बने भारत कुमार
‘उपकार’ में मनोज कुमार के अलावा प्रेम चोपड़ा, आशा पारेख, कामिनी कौशल और प्राण भी थे। इसे 7 फिल्मफेयर अवॉर्ड मिले थे। इस फिल्म का तेलुगू रीमेक भी बनाया गया थ, जिसका नाम बड़ी पंतुलु रखा गया। फिल्म ‘पूरब और पश्चिम’, ‘क्रांति’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’, ‘उपकार’ में उनका ऑन स्क्रीन नाम भारत कुमार था और फिर वह लोगों के बीच इसी नाम से मशहूर हो गए। बता दें कि ‘उपकार’ ने बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट स्टोरी और बेस्ट डायलॉग के लिए चार फिल्म फेयर जीते। 1992 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। 2016 में उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया।