
ताइवान में चीन समर्थक सांसदों को हटाने के लिए वोट करते लोग।
ताइपे: ताइवान की पार्लियामेंट में 20 फीसदी सांसद चीन के समर्थक हैं। मगर अब यह ताइवान की जनता को बर्दाश्त नहीं है। लिहाजा शनिवार को ताइवान एक महत्वपूर्ण जनमत संग्रह के तहत मतदान हो रहा है, जिसमें यह तय किया जा रहा है कि क्या संसद के उन 24 सांसदों को हटाया जाए जो चीन समर्थक माने जाते हैं। ये सभी सांसद मुख्य विपक्षी दल नेशनलिस्ट पार्टी (KMT) से हैं। यह प्रक्रिया देश की संसद में शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकती है।
सत्तारूढ़ दल करा रहा वोटिंग
जनमत संग्रह कराने का यह कदम सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) के समर्थकों द्वारा उठाया गया है, जो ताइवान की स्वतंत्रता की पक्षधर है। DPP ने पिछले वर्ष राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी, लेकिन संसद में उसे स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया। वहीं न के साथ बेहतर संबंधों की हिमायती KMT और ताइवान पीपुल्स पार्टी ने मिलकर विधायिका में बहुमत प्राप्त कर लिया है।
जनता में केएमटी की खिलाफ असंतोष बढ़ा
जनता के एक वर्ग में केएमटी के खिलाफ असंतोष इसलिए बढ़ा है, क्योंकि उन्होंने संसद में रक्षा बजट जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों को रोक दिया और कुछ ऐसे विवादास्पद कानून पारित किए जो कार्यपालिका की शक्तियों को सीमित करते हैं। इन विधानों को बीजिंग के हित में माना जा रहा है, जो ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है। KMT के आलोचकों का कहना है कि विपक्ष की ये रणनीतियां ताइवान की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं। यही कारण है कि इन सांसदों के खिलाफ “रिकॉल चुनाव” अभियान शुरू किया गया है।
कितने वोट रद्द कर सकते हैं चीन समर्थक सांसदों की सदस्यता
यह जनमत संग्रह ताइवान के इतिहास में सबसे बड़ा रिकॉल प्रयास माना जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 23 अगस्त को KMT के सात और सांसदों को भी इसी तरह की प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है। यदि रिकॉल मतदान में कम-से-कम 25% पंजीकृत मतदाता हटाने के पक्ष में मतदान करते हैं और यह संख्या विरोध में मतदान करने वालों से अधिक होती है, तो सांसदों की सदस्यता रद्द हो जाएगी। इसके बाद रिक्त सीटों पर उपचुनाव होंगे, जिनमें KMT दोबारा अपने उम्मीदवार खड़े कर सकता है। यह घटनाक्रम ताइवान के राजनीतिक परिदृश्य और चीन से उसके संबंधों पर दूरगामी प्रभाव डाल सकता है। (एपी)
