
अमित शाह
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस समय राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं। राज्यसभा में मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू हुई थी। आज विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने बरसों बरस आतंकवाद का दंश सहा है और ऑपरेशन सिंदूर से हमने लक्ष्य हासिल किए। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुआ आतंकी हमला पूरी तरह अस्वीकार्य था। उन्होंने कहा कि इस हमले में लक्ष्मण रेखा लांघी गई और 26 बेकसूर लोगों को उनका धर्म पूछ-पूछ कर मौत के घाट उतार दिया गया। उन्होंने कहा कि इस हमले के दोषियों को जवाबदेह ठहराना और पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना आवश्यक था।
उन्होंने कहा ‘‘ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद पर भारत का जवाब है और आतंकवाद पर भारत के जवाब को पूरी दुनिया ने देखा।’’ उन्होंने हमले के बाद सिंधु जल संधि को स्थगित करने और अटारी सीमा बंद करने जैसे कूटनीतिक निर्णयों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद सरकार की सुरक्षा मामलों की समिति की तत्काल बैठक हुई जिसमें कई निर्णय लिए गए। उन्होंने कहा ‘‘अहम निर्णय सिंधु जल संधि को निलंबित करने का हुआ। एक अनूठी संधि है और मुझे नहीं लगता कि दुनिया में कहीं भी ऐसी संधि होगी जिसके तहत अपनी नदियों के पानी का बड़ा हिस्सा दूसरे देश को दिया जाता है। हमले के बाद इस संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया गया क्योंकि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।’’
जयशंकर ने पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल के दौरान हुए हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में 1947 के बाद से सीमा पार से हमले होते रहे, हर हमले के बाद पाकिस्तान से बातचीत भी होती रही। ‘‘लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं होती थी।’’ विदेश मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने सिंधु जल संधि निलंबित कर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की नीतियों की गलतियों को सुधारा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को रोकना नरेन्द्र मोदी सरकार का ‘ग्लोबल एजेंडा’ है। विदेश मंत्री ने कहा ‘‘हम आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए, हमने हर मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब किया।