Rahul Gandhi vote tampering, Election Commission vs Rahul
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी।

नई दिल्ली: चुनाव आयोग और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बीच चल रहा विवाद शनिवार को और गहरा गया। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वोट चोरी के आरोपों को एक बार फिर खारिज करते हुए इसे ‘बेबुनियाद’ बताया। साथ ही, आयोग ने जून में राहुल को लिखा गया एक पत्र भी सार्वजनिक किया, जिसका जवाब अभी तक नहीं मिला। आयोग ने सवाल उठाया कि क्या राहुल के बयान सिर्फ मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए थे? चुनाव आयोग ने X पर राहुल गांधी के दावों को पूरी तरह नकारते हुए एक पोस्ट किया है।

12 जून को राहुल गांधी को EC ने लिखी थी चिट्ठी

चुनाव आयोग के सचिव अश्वनी कुमार मोहाल ने 12 जून को राहुल गांधी को एक पत्र लिखा था। यह पत्र राहुल के 7 जून को एक अखबार में छपे लेख के जवाब में था, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में वोट चोरी का आरोप लगाया था। पत्र में आयोग ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने भी नवंबर 2024 के चुनाव के बाद ऐसी ही शिकायतें की थीं, जिनका आयोग ने 24 दिसंबर 2024 को विस्तार से जवाब दिया था। यह जवाब आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। पत्र में आयोग ने साफ किया कि सभी चुनाव संसद द्वारा पारित चुनावी कानूनों, नियमों और आयोग के निर्देशों के अनुसार निष्पक्ष तरीके से कराए जाते हैं।

‘राहुल ने न पत्र का जवाब दिया, न ही मुलाकात की’

EC ने अपने पत्र में लिखा कि महाराष्ट्र में चुनाव प्रक्रिया में 1,00,186 बूथ लेवल ऑफिसर, 288 इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर, 139 जनरल ऑब्जर्वर, 41 पुलिस ऑब्जर्वर, 71 खर्च ऑब्जर्वर और 288 रिटर्निंग ऑफिसर शामिल थे। इसके अलावा, 1,08,026 बूथ लेवल एजेंट, जिनमें कांग्रेस के 28,421 एजेंट भी थे, ने प्रक्रिया की निगरानी की। आयोग ने राहुल से कहा था कि अगर उनके पास कोई और शिकायत है, तो वे लिखित में बता सकते हैं या व्यक्तिगत मुलाकात के लिए समय मांग सकते हैं। लेकिन आयोग का दावा है कि राहुल ने न तो पत्र का जवाब दिया और न ही मुलाकात की कोई कोशिश की। आयोग ने सवाल उठाया, ‘क्या राहुल के बयान बेबुनियाद थे, इसलिए जवाब नहीं दिया गया?’

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर तेज किए तेवर

राहुल गांधी ने शनिवार को अपने तेवर और तेज कर दिए। रायबरेली से सांसद राहुल ने दावा किया कि उनकी पार्टी के पास वोट चोरी के ‘पक्के सबूत’ हैं। उन्होंने इन सबूतों को ‘एटम बम’ की संज्ञा दी और कहा कि जब ये सामने आएंगे, तो चुनाव आयोग के पास छिपने की कोई जगह नहीं बचेगी। राहुल ने न केवल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, बल्कि 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव और हाल के लोकसभा चुनावों में भी गड़बड़ी के आरोप लगाए। राहुल ने आयोग पर धमकी देने का भी आरोप लगाया। शुक्रवार को आयोग ने राहुल के बयानों को ‘निंदनीय’ बताते हुए खारिज किया था और कहा था कि राहुल ने आयोग और उसके कर्मचारियों को धमकाने की कोशिश की।

चुनाव आयोग ने अपनाया बेहद सख्त रुख

चुनाव आयोग ने राहुल के ताजा बयानों को ‘बेबुनियाद’ करार देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस को कोई शिकायत थी, तो उनके उम्मीदवारों को संबंधित अदालत में चुनाव याचिका दाखिल करनी चाहिए थी। आयोग ने यह भी बताया कि राहुल की तरफ से कोई औपचारिक शिकायत या पत्र कभी नहीं आया। आयोग ने अपने पत्र में यह भी ज़ोर दिया कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और क़ानून के दायरे में होती है। आयोग ने राहुल को फिर से न्योता दिया कि वे अपनी शिकायतें लिखित में दें या मुलाकात करें, ताकि सारी बातें साफ़ हो सकें। अब  सवाल यह है कि क्या राहुल गांधी अपने ‘पक्के सबूत’ सामने लाएंगे? और अगर हां, तो क्या यह वाकई ‘एटम बम’ साबित होगा।

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