
कशिश कपूर
डिजाइनर स्मिता श्रीनिवास ने आरोप लगाया है कि बिग बॉस फेम कशिश कपूर और मशहूर इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग फर्म डॉट एजेंसी ने 85,000 रुपये का उनका कॉउचर गाउन बर्बाद कर दिया। साथ ही डिजाइनर ने यह भी दावा किया है कि कशिश ने उनके नुकसान की भरपाई करने से भी मना कर दिया है और न ही अभी तक कोई रेंट के पैसे दिए। एक इंस्टाग्राम पोस्ट में श्रीनिवास ने आरोप लगाते हुए कहा कि कस्टम ग्रीन कॉउचर गाउन उन्हें खराब हाल मिला जो अब बेचने के लायक भी नहीं रहा। साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर चैट के स्क्रीनशॉट बी शेयर किए हैं।
कशिश कपूर पर छाए मुसीबत के बादल
श्रीनिवास ने कहा कि डॉट मीडिया एजेंसी ने कपूर के लिए साइज S का गाउन लिया, जबकि उन्हें कशिश कपूर के लिए साइज XS की जरूरत थी। उन्होंने आगे कहा कि यह गाउन एक कस्टम कॉउचर पीस था न कि कोई नॉर्मल डेमो ड्रेस। हालांकि, जब ये गाउन उन्होंने खराब हालत में वापस किया तो डिजाइनर ने कपड़े की जांच पड़ताल की और उनसे नुकसान की भरपाई करने को कहा, लेकिन एजेंसी ने पैसे देने से मना कर दिया। ऐसे में दोनों लोग 40,000 रुपये के मुआवजे पर सहमत हुए जो गाउन की कीमत के आधे से भी कम है, ताकि मामला खत्म हो सके। पोस्ट के अनुसार, देरी और बहानेबाजा के बाद उन्हें मजबूरी में कशिश का नाम सामने लाना पड़ा। श्रीनिवास ने आरोप लगाया कि फॉलो-अप के दौरान कशिश कपूर ने उन्हें सोशल मीडिया पर ब्लॉक कर दिया था। जब उन्होंने दोबारा संपर्क किया तो डिजाइनर को कहा गया कि वह सोशल मीडिया पर उनके लिए एक-दो पोस्ट शेयर कर देंगे, जिसे प्रमोशन हो जाए। पोस्ट कैप्शन में लिखा था, ‘यह सच्चाई है।’
कशिश से नुकसान की भरपाई करने की गई मांग
श्रीनिवास ने अपनी टाइमलाइन की पुष्टि के लिए चैट के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए। उन्होंने बताया कि इन मैसेज में 40,000 रुपये देने के बजाय उन्होंने प्रमोशन का ऑफर दिया गया। उन्होंने जब यह कहा कि यह कपड़ा गीला और बर्बाद हो चुका है जो बहुत ही बुरी हालत में लौटाया गया है और इस गाउन की फिनिशिंग दोबारा सही होना मुश्किल जो अब बेचने लायक भी नहीं बचा है। डिजाइनर ने बताया कि उनके साथ स्कैम हुआ। साथ ही श्रीनिवास ने अपने साथी डिजाइनरों से आग्रह किया कि वे मशहूर हस्तियों को कपड़े देने से पहले सावधानी बरतें। उनकी चेकलिस्ट में हर लेन-देन का डॉक्यूमेंट, जमा राशि को लिखित रूप में अपने पास रखे। अब डिजाइनर ने कशिश से सोशल मीडिया पर अपने नुकसान का पैसा मांगा है।