उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारी का दो राज्यों से जारी हो - India TV Hindi
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पहली तस्वीर में मृतक की पत्नी और दूसरी तस्वीर में मृतक की फाइल फोटो

हापुड़ः उत्तर प्रदेश के हापुड़ से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां हापुड़ नगर पालिका द्वारा उत्तराखंड सरकार के एक कर्मचारी का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। पूरी घटना फिल्म गब्बर एज बैक की फिल्मी कहानी की तरह पुलिस के सामने पहुंची। जिसको सुनकर पुलिस भी हैरान है। जिसमें पहले से एक स्थान पर घोषित मृत व्यक्ति का अन्य स्थान से भी फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। उत्तराखंड में ड्यूटी के दौरान मृत हुए कर्मी अरुण कुमार वर्मा का उत्तराखंड सरकार द्वारा पहले मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया था। 

उत्तराखंड और यूपी से जारी हुआ मुत्यु प्रमाण पत्र

इसके एक माह बाद हापुड़ निवासी एक अन्य महिला के आवेदन पर फर्जी तथ्यों के आधार पर पहले से मृत घोषित सरकारी कर्मी अरुण का एक ओर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी किए गए मृत्यु प्रमाण पत्र में मृत्यु का स्थान कर्णप्रयाग , जिला चमोली, उत्तराखंड दिखाया गया है। जबकि हापुड़ नगर पालिका द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्र में उनका मृत्यु का स्थान जनपद हापुड़ अंकित किया गया है। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों से एक ही व्यक्ति के जारी हुए दो मृत्यु प्रमाण पत्रों के मामले में पुलिस द्वारा जांच शुरू कर दी गई है।

2005 में हुई थी महिला की शादी

चमोली के जोशीमठ की रहने वाली शिकायतकर्ता महिला चंद्रकला द्वारा बताया गया कि उनकी शादी अरुण कुमार वर्मा से 18 नवंबर 2005 को हुई थी। जिनके 3 बच्चे हैं। उनके पति अरुण कुमार वर्मा उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग में तैनात थे। स्वास्थ्य खराब होने के चलते बीते वर्ष 1 जून 2024 को उनकी मृत्यु हो गई। मृत्यु के बाद उनकी पत्नी चंद्रकला द्वारा ग्रेच्युटी और मृतक आश्रित के लाभ लेने के लिए संबंधित विभाग में आवेदन दिया गया था। जिसके बाद उन्हें यह जानकारी मिली कि किसी अन्य महिला द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पहले ही मृतक आश्रित के लाभ लेने के लिए आवेदन किया जा चुका है।

एक अन्य महिला ने यूपी से जारी करवाया मृत्यु प्रमाण पत्र

इस संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि उनके पति की मृत्यु उत्तराखंड के चमोली जिले के करणप्रयाग के सरकारी अस्पताल में हुई थी। जहां से उनका मृत्यु प्रमाण पत्र 19 जून 2024 को जारी कर दिया गया था। साथ ही इस संबंध में वैधानिक कार्यवाही भी उत्तराखंड में ही पूर्ण की गई थी। लेकिन शिकायतकर्ता महिला का आरोप है कि जनपद हापुड़ निवासी एक अन्य महिला द्वारा उनके पति का फर्जी प्रमाण पत्र हापुड नगर पालिका से बनवाकर खुद को उनके मृत पति की पत्नी बताकर उनकी ग्रेच्युटी और सरकारी नौकरी धोखाधड़ी से हड़प करने की साजिश रच रही है। जिसके बाद पीड़ित महिला द्वारा हापुड़ पुलिस से मामले में फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के संबंध में कार्यवाही की मांग की गई है। 

19 जुलाई 2024 को हापुड़ से जारी हुआ मृत्यु प्रमाण पत्र

पीड़ित महिला द्वारा बताया गया कि उनके पति की मृत्यु 1 जून 2024 को हुई थी जिसको लेकर उत्तराखंड सरकार के सरकारी अस्पताल करणप्रयाग से उनका मृत्यु प्रमाण पत्र 19 जून 2024 को जारी कर दिया गया था। इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर उन्होंने संबंधित विभाग में अपने परिवार के मृतक आश्रित लाभ को लेने के लिए आवेदन किया था तो वही एक अन्य महिला द्वारा उनके पति अरुण वर्मा का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जनपद हापुड़ से भी जारी करवा लिया गया। जनपद हापुड़ की हापुड़ नगर पालिका द्वारा 19 जुलाई 2024 को जारी किए गए मृत्यु प्रमाण पत्र में अरुण कुमार वर्मा की मृत्यु का स्थान जनपद हापुड़ को दर्शाया गया है और उनकी पत्नी के रूप में मीना वर्मा का नाम अंकित किया गया है। 

पुलिस का सामने आया ये बयान

एक ही व्यक्ति के दो अलग-अलग राज्यों से जारी मृत्यु प्रमाण पत्रों की गुत्थी को लेकर हापुड़ पुलिस द्वारा जांच शुरू कर दी गई है पूरे प्रकरण को लेकर एडिशनल एसपी विनीत भटनागर द्वारा बताया गया कि एक महिला द्वारा प्रार्थना पत्र देते हुए यह आरोप लगाया गया है कि उनके पति की मृत्यु हो गई है। इसके संबंध में एक मृत्यु प्रमाण पत्र तथा कथित रूप से फर्जी (हापुड) में बनाया गया है। पुलिस ने बताया कि यह व्यक्ति उत्तराखंड में कार्यरत थे और चिकित्सा के पद पर थे यहां पर दो महिलाओं के बीच का विवाद है कि कौन उसकी पत्नी है इसके बारे में जो एप्लीकेशन आई है उसकी प्राथमिक रूप से जांच की जा रही है किसी अपराध का गठित होना पाया जाएगा तो इसमें सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कार्यवाही की जाएगी। 

दो अलग-अलग प्रमाण पत्र जारी होने को लेकर पुलिस का कहना है कि यह दो अलग-अलग प्रमाण पत्र बताई जा रहे हैं। पुलिस द्वारा इसकी तस्दीक की जा रही है। अगर वास्तविकता पाई जाती है तो इसमें सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कार्रवाई की जाएगी।

रिपोर्ट- निशांक शर्मा, हापुड़





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