
ममता बनर्जी ने केंद्र पर लगाया आरोप।
कोलकाता: भारतीय सेना ने सोमवार को मैदान क्षेत्र में गांधी प्रतिमा के पास तृणमूल कांग्रेस द्वारा बनाए गए मंच को हटाने का काम शुरू कर दिया है। यह मंच अन्य राज्यों में पश्चिम बंगाल के बांग्लाभाषी प्रवासी श्रमिकों पर कथित अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन के लिए बनाया गया था। वहीं टीएमसी की ओर से इस घटना में सरकार द्वारा बल प्रयोग किए जाने का आरोप लगाया गया।
तीन दिन से अधिक की नहीं मिलती अनुमति
एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि भारतीय सेना (स्थानीय सैन्य प्राधिकार, कोलकाता) उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार मैदान क्षेत्र में दो दिनों की अवधि के लिए कार्यक्रमों की अनुमति देती है। उन्होंने कहा, “तीन दिन से अधिक के कार्यक्रमों के लिए रक्षा मंत्रालय से अनुमति लेनी होती है।” रक्षा अधिकारी ने कहा, “कार्यक्रमों के आयोजन की अनुमति दो दिन के लिए दी गई थी। हालांकि, मंच लगभग एक महीने से लगा हुआ है। अस्थायी ढांचे को हटाने के लिए आयोजकों को कई बार सूचित किया गया लेकिन इसे नहीं हटाया गया।”
सेना के द्वारा मचाया जा रहा मंच
उन्होंने कहा कि इसके बाद कोलकाता पुलिस को सूचित किया गया और भारतीय सेना द्वारा मंच को हटाया जा रहा है। मैदान थाने के एक अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल पर मौजूद सेना के अधिकारियों ने कहा कि हर सप्ताह के अंत में होने वाले प्रदर्शनों के बाद मंच को हटाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर के पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद थे।
ममता बनर्जी ने साधा निशाना
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “जब (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी कोलकाता आएं, तो उन्हें हमसे इजाजत लेनी चाहिए। वे हमारी आवाज नहीं दबा सकते। अगर बंगालियों पर अत्याचार जारी रहा, तो हम रोजाना विरोध प्रदर्शन करेंगे।” उन्होंने पार्टी नेताओं को धरना स्थल बदलने का निर्देश देते हुए कहा, “सेना दोषी नहीं है। उन्हें भाजपा ने निर्देश दिया है। यह एक गंदा राजनीतिक खेल है।” उन्होंने इसे सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा “राजनीतिक प्रतिशोध” और “सेना का दुरुपयोग” करार दिया।
‘ईडी-सीबीआई के बाद अब सेना तैनात’
केंद्र पर तृणमूल कांग्रेस को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि “भारतीय जनता पार्टी-नीत सरकार ने ईडी और सीबीआई के बाद सेना को तैनात किया है।” उन्होंने कहा कि पार्टी गांधी प्रतिमा के सामने से धरना स्थल रानी रश्मोनी रोड पर स्थानांतरित करेगी। मैदान क्षेत्र भारतीय सेना के अधीन है, जिसका पूर्वी कमान मुख्यालय पास ही फोर्ट विलियम में स्थित है।
‘बीजेपी ने बल प्रयोग को चुना’
तृणमूल कांग्रेस ने एक्स अकाउंट पर लिखा, “बंगाल ने हमेशा अपने राष्ट्र के संरक्षकों का सम्मान किया है, लेकिन मेयो रोड पर जो हुआ वह राजनीतिक अत्याचार से कम नहीं था। अपनी मातृभाषा के प्रति प्रेम से उपजे एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को दिल्ली के भयभीत ज़मींदारों के आदेश पर कुचल दिया गया। अनुमति दी गई, जमानत राशि जमा की गई, हर नियम का पालन किया गया। फिर भी बीजेपी ने बातचीत की बजाय बल प्रयोग को चुना। ममता बनर्जी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं और लोगों को संबोधित करते हुए संकल्प लिया कि बंगाल के लिए, हमारे लोगों के अधिकारों और सम्मान के लिए, लोकतंत्र के लिए यह आंदोलन शांत नहीं होगा। बंगाल लड़ेगा। बंगाल जीतेगा।”