देश में गाड़ियों की बिक्री अगस्त में काफी सुस्त दिखाई दी। मांग में गिरावट आने से मारुति सुजुकी, हुंडई, महिंद्रा और टाटा मोटर्स जैसी प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों की थोक बिक्री में खासी गिरावट आई है। कई संभावित खरीदारों के जीएसटी दरों में संशोधन का इंतजार करने और अपनी खरीदारी को टाल देने से गाड़ियों की बिक्री में ये गिरावट आई है। देश की सबसे बड़ी कार मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया के पैसेंजर व्हीकल्स की घरेलू बाजार में थोक बिक्री पिछले महीने 8 प्रतिशत गिरकर 1,31,278 यूनिट रही जबकि एक साल पहले इसी महीने में 1,43,075 गाड़ियों की बिक्री हुई थी।
महिंद्रा एंड महिंद्रा की बिक्री में 9 प्रतिशत की गिरावट
हुंडई मोटर इंडिया की घरेलू बिक्री पिछले महीने 11 प्रतिशत घटकर 44,001 यूनिट रह गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में ये 49,525 यूनिट थी। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा कि पिछले महीने घरेलू बाजार में उसके यूटिलिटी वाहनों (SUV) की बिक्री 39,399 यूनिट रही, जो एक साल पहले इसी अवधि में 43,277 यूनिट से 9 प्रतिशत कम है। महिंद्रा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नलिनीकांत गोलागुंटा ने कहा, “जीएसटी स्लैब की अंतिम घोषणा करीब आने के साथ हमने जान-बूझकर अपने डीलरों के पास मौजूद स्टॉक को कम करने के लिए थोक सौदे कम करने का फैसला किया है।”
टाटा मोटर्स की बिक्री में भी दर्ज की गई 7 प्रतिशत की गिरावट
टाटा मोटर्स ने भी पिछले महीने डीलरों को भेजे जाने वाले पैसेंजर व्हीकल्स में 7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। कंपनी ने पिछले महीने 41,001 गाड़ियां बेचीं, जबकि अगस्त 2024 में ये आंकड़ा 44,142 था। टोयोटा किर्लोस्कर ने कहा कि पिछले महीने उसकी घरेलू थोक बिक्री 2 प्रतिशत बढ़कर 29,302 यूनिट हो गई, जबकि अगस्त 2024 में उसने घरेलू बाजार में 28,589 गाड़ियां बेची थीं। जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया की अगस्त में बिक्री 52 प्रतिशत बढ़कर 6578 यूनिट पर पहुंच गई जबकि कंपनी ने पिछले साल अगस्त में 4323 गाड़ियां बेची थीं।
गाड़ियों को 18 प्रतिशत जीएसटी वाले स्लैब में रखने का प्रस्ताव
टॉप कार कंपनियों की बिक्री में गिरावट ऐसे समय में आई है जब खरीदारों ने गाड़ियों पर जीएसटी रेट में कटौती की उम्मीद में खरीदारी टालने का फैसला किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल 2-4 सितंबर को जीएसटी रेट के सिर्फ दो स्लैब ही रखने के प्रस्ताव पर चर्चा करेगी। इसमें जीएसटी रेट सिर्फ 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दर से लगाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। फिलहाल जीएसटी के 4 स्लैब है, जिसमें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दर से टैक्स लगता है। मौजूदा व्यवस्था के तहत गाड़ियों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है। इसके अलावा, अलग-अलग गाड़ियों पर 1 प्रतिशत से लेकर 22 प्रतिशत क्षतिपूर्ति उपकर अलग से वसूला जाता है।
गाड़ी के इंजन, क्षमता और लंबाई के आधार पर छोटे पेट्रोल वाहनों के लिए कुल टैक्स 29 प्रतिशत है जबकि एसयूवी के लिए ये 50 प्रतिशत तक पहुंच जाता है। हालांकि, इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर सिर्फ 5 प्रतिशत की दर से ही जीएसटी लगता है।