रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच खड़े चीन के राष्ट्रपति - India TV Hindi
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच खड़े चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग।

बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका का नाम लिए बगैर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सख्त संदेश दिया। जिनपिंग ने कहा कि दुनिया सद्भाव से चलती है, दादागिरी से नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि चीन किसी से डरने वाला नहीं है। सभी इंसान एक ही ग्रह पर रहते हैं, इसलिए सबको मिल-जुलकर शांति से काम करना चाहिए। उनके साथ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन भी मौजूद थे। वह द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी आक्रमण पर चीन की जीत की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित सैन्य परेड में बोल रहे थे।  

पीएलएल को विश्वस्तरीय सैन्य शक्ति बनाने का लक्ष्य

सैन्य परेड को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन का राष्ट्रीय कायाकल्प “निर्बाध रूप से जारी” रहेगा और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को राष्ट्रीय पुनरुत्थान के लिए रणनीतिक समर्थन प्रदान करना चाहिए। उन्होंने PLA को एक विश्वस्तरीय सैन्य शक्ति बनने का लक्ष्य निर्धारित करने को कहा। चीन ने बुधवार को आयोजित भव्य सैन्य परेड के दौरान पहली बार हाइपरसोनिक, लेजर और लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों सहित अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन किया। 

26 देशों के नेता रहे मौजूद

इस परेड में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन, पाकिस्तान, नेपाल, मालदीव समेत कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों समेत कुल 26 विदेशी नेताओं ने भाग लिया। यह एक तरह से चीन की राजनयिक शक्ति का भी प्रदर्शन था। वहीं अमेरिका, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय संघ के प्रमुखों ने इस परेड से दूरी बनाए रखी। जापान द्वारा विश्व नेताओं से इस परेड में भाग न लेने की अपील को लेकर जापान और चीन के बीच कूटनीतिक तनाव भी देखा गया।

“शांति या युद्ध, अब मानवता के सामने एक के चुनाव का समय”

अपने भाषण में शी ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के खिलाफ चीन की जीत, “आधुनिक युग में विदेशी आक्रमण के खिलाफ पहली पूर्ण विजय” थी। उन्होंने इसे कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC) के नेतृत्व में संभव हुआ राष्ट्रीय एकता का परिणाम बताया। शी ने पुतिन और किम के साथ खड़े होकर कहा, “जब सभी देश एक-दूसरे से समान व्यवहार करेंगे और सहयोग से रहेंगे, तभी युद्ध की जड़ें खत्म की जा सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा, “आज मानवता के सामने फिर एक बार शांति या युद्ध, संवाद या टकराव, लाभ या नुकसान के बीच चुनाव का समय आ गया है। चीन शांति और मानव प्रगति के पक्ष में खड़ा रहेगा।”

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आसमान में ताकत दिखाते चीन के लड़ाकू विमान।

पहली बार प्रदर्शित की 20 हजार किलोमीटर तक मार करने वाली परमाणु मिसाइल

चीनी सेना ने इस ऐतिहासिक परेड में कई नई और उन्नत हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन किया, जिनमें 20,000 किमी से अधिक मारक क्षमता वाली DF-5C अंतरमहाद्वीपीय परमाणु मिसाइल सर्वाधिक चर्चा में है। इसके अलावा 5,000 किमी रेंज वाली DF-26D जहाज-रोधी बैलिस्टिक मिसाइल समेत तमाम अत्याधुनि हाईपरसोनिक क्रूज मिसाइलें, बमवर्षक विमान, इंटरसेप्ट मिसाइलें, युद्धक टैंक आदि शामिल हैं। 

अमेरिका को संदेश?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह परेड केवल एक सैन्य शक्ति प्रदर्शन नहीं था, बल्कि अमेरिका और उसके सहयोगियों को भेजा गया साफ संकेत भी था कि चीन अब प्रभाव और प्रभुत्व की वैश्विक दौड़ में खुलकर सामने आ चुका है। रक्षा बजट के मामले में चीन अब भी अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा रक्षा व्यय करने वाला देश है। चीन का 2025 का रक्षा बजट 250 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। (भाषा)

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