
भूकंप
अगर पूरी दुनिया में एक साथ भूकंप आ जाए तो क्या होगा? ऐसे सवाल मन में उठ सकते हैं। हालांकि, ऐसा होने वाला नहीं, क्योंकि यह वैज्ञानिक रूप से संभव नहीं है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि भूकंप टेक्टोनिक प्लेट्स के खिसकने से आते हैं और हर क्षेत्र की प्लेट्स अलग-अलग समय पर चलती हैं। लेकिन अगर ऐसा हुआ, तो यह एक बड़े विनाश की तरह होगा और पृथ्वी पर तबाही मच जाएगी।
दुनिया में एक साथ भूकंप आए तो?
अगर ऐसा हुआ तो हर महाद्वीप, हर शहर एक साथ हिलने लगेगा। पूरी दुनिया में भूकंप आ जाए तो महासागरों में सुनामी की बाढ़ आ जाएगी। समुद्र तल से पानी की विशाल लहरें उठने लगेंगी, जो तटों को तबाह कर देंगी। इससे मुंबई, न्यूयॉर्क और टोक्यो जैसे तटीय शहर पानी में डूब जाएंगे। पानी का संतुलन बिगड़ने से समुद्री जीवों को भी भारी नुकसान होगा।
पहाड़ों में भूस्खलन होगा और हिमालय जैसे पर्वत गिर सकते हैं। ज्वालामुखी सक्रिय हो जाएंगे और जहरीली गैसें हवा में फैलेंगी, जो आस-पास की जिंदगी खत्म कर देंगी। वहीं, हिमस्खलन से बर्फीले इलाके भी तबाह हो सकते हैं।
प्रतीकात्मक फोटो
शहरों की तबाही, पृथ्वी पर दरारें
बड़ी-बड़ी इमारतें, पुल और सड़कें पल भर में टूट जाएंगी। बिजली, पानी और संचार व्यवस्था ठप हो जाएगी। इससे धरती की सतह फट जाएगी और नई घाटियां या पहाड़ बन सकते हैं, जिससे पृथ्वी का नक्शा बदल जाएगा।
पर्यावरण को नुकसान
ज्वालामुखियों से निकलने वाली राख और गैसों से हवा जहरीली हो जाएगी और सांस लेना मुश्किल हो जाएगा। भूकंप से उठी धूल आसमान को ढक लेगी और इससे सूरज की रोशनी कम हो सकती है, जिससे तापमान गिरेगा और इससे मौसम में बड़े बदलवा होंगे। इसकी वजह से जानवरों और पेड़-पौधों की कई प्रजातियां खत्म हो जाएंगी।
प्रतीकात्मक फोटो
सभ्यता का हो जाएगा अंत?
पूरी दुनिया में एक साथ भूकंप आने के बाद भी पृथ्वी पूरी तरह खत्म नहीं होगी, क्योंकि ग्रह का कोर और स्ट्रक्चर बहुत मजबूत है। हालांकि, सतह पर मौजूद जिंदगियों को भारी नुकसान होगा। खाने, पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं खत्म हो जाएंगी, जिससे इंसानी सभ्यता खतरे में पड़ जाएगी। अगर ऐसा होता है, तो बचाव कार्य लगभग असंभव हो जाएगा। कुछ लोग और जीव बच सकते हैं, लेकिन पृथ्वी का चेहरा हमेशा के लिए बदल जाएगा और सामान्य जीवन बहाल होने में दशकों या सदियों का समय लग सकता है।