GST 2.0: 22 सितंबर, 2025 से पूरे देश में जीएसटी की नई दरें लागू हो जाएंगी। जीएसटी काउंसिल ने 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत वाले टैक्स स्लैब को GST सिस्टम से हटा दिया है। पहले जीएसटी सिस्टम में कुल 4 स्लैब- 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत थे। 22 सितंबर से सिर्फ 2 स्लैब- 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत ही रहेंगे। इनके अलावा, लग्जरी और सिन प्रोडक्ट्स के लिए 40 प्रतिशत जीएसटी के लिए नया स्लैब शुरू होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि नए जीएसटी का लाभकारी प्रभाव सुबह की शुरुआत से लेकर रात में सोने तक सभी चीजों पर रहेगा।
12 प्रतिशत जीएसटी वाली 99% चीजों पर लगेगा 5 प्रतिशत जीएसटी
निर्मला सीतारमण ने कहा कि जिन 99 प्रतिशत वस्तुओं पर पहले 12 प्रतिशत जीएसटी लगता था, अब उन पर सिर्फ 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। जीएसटी काउंसिल द्वारा 350 से ज्यादा वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने पहले अलग-अलग स्लैब के तहत टैक्स लगाने की प्रथा के बजाय सिर्फ 5 और 18 प्रतिशत के स्लैब लागू किए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने व्यापारियों के लिए भी प्रक्रिया को सरल बनाया है। किसी भी उत्पाद पर 28 प्रतिशत जीएसटी टैक्स नहीं है।’’ व्यापारियों के टैक्स दायरे में बढ़ोतरी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2017 में जीएसटी लागू होने से पहले सिर्फ 66 लाख व्यापारी ही जीएसटी दाखिल करते थे। लेकिन, आज 1.5 करोड़ व्यवसाय जीएसटी के दायरे में आ गए हैं और ये संख्या भविष्य में और ज्यादा बढ़ेगी।
सरकार को कितना मिलता है जीएसटी का फायदा
उन्होंने कहा कि इस बढ़ोतरी से केंद्र और राज्य सरकारों को मिलने वाला राजस्व बढ़ा है। वित्त मंत्री ने बताया कि 2017 में टैक्स कलेक्शन 7.19 लाख करोड़ रुपये था और अब ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 22 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा औसतन 1.8 लाख से 2 लाख करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया जाता है। उदाहरण के लिए, 1.80 लाख करोड़ रुपये के कुल राजस्व को आधा-आधा बांटा जाता है, जिसमें राज्यों को 90,000 करोड़ रुपये और केंद्र को 90,000 करोड़ रुपये मिलते हैं। केंद्र के हिस्से के उस 90,000 करोड़ रुपये के राजस्व में से भी लगभग 41 प्रतिशत राज्यों को वापस जाता है।’’