
प्रतीकात्मक तस्वीर
मध्य प्रदेश के 27 अवैध मदरसों को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है जहां मदरसों में 500 से ज्यादा हिंदू बच्चों को कुरान पढ़ाने और इस्लाम अपनाने के लिए दवाब बनाने का मामला सामने आया है। इसके बाद राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने प्रदेश के 27 मदरसों में 556 हिंदू बच्चों के कथित धर्मांतरण रैकेट पर राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है।
मदरसों में धर्मांतरण विवाद क्या है?
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कई मदरसों में गैर मुस्लिम बच्चों को जबरदस्ती कुरान पढ़ाई जा रही है और धर्मांतरण का दबाव बनाया जा रहा है। आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर जांच के निर्देश दिए हैं। वहीं, NHRC के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने बताया कि आयोग को 26 सितंबर को एक शिकायत मिली हुई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि प्रदेश में अवैध धर्मांतरण का गिरोह सक्रिय है।
मदरसों में गैर मुस्लिम बच्चों का दाखिला कैसे?
NHRC का कहना है कि ज्यादातर मदरसे बिना सरकारी अनुमति के संचालित हो रहे हैं। भोपाल, होशंगाबाद, जबलपुर, झाबुआ, धार, बड़वानी, खंडवा, खरगोन और परासिया जिलों के कई मदरसों को विशेष रूप से चिन्हित किया गया है। NHRC ने सवाल उठाया है कि गैर मुस्लिम बच्चों को इन मदरसों में दाखिला कैसे मिल रहा है, जबकि किशोर न्याय अधिनियम 2015 और संविधान के अनुच्छेद 28(3) के तहत बिना अनुमति धार्मिक शिक्षा देना प्रतिबंधित है। आयोग ने सरकार को निर्देश दिया है कि ऐसे बच्चों को तत्काल हटाया जाए और बिना मंजूरी चल रहे मदरसों पर FIR दर्ज की जाए।
हिंदू बच्चों के धर्मांतरण का रैकेट चलाने का आरोप
बता दें कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को बीते 26 सितंबर को एक शिकायत मिली थी जिसमें मध्य प्रदेश के मदरसों में हिंदू बच्चों के धर्मांतरण का रैकेट चलाने का आरोप लगाया गया था। इसमें कहा गया है कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित कुल 27 मदरसे इस रैकेट में शामिल हैं। इन मदरसों में 556 हिंदू बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है।
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