
एमबीबीएस करने के बाद बना स्टार सिंगर
90 के दशक में कुमार सानू, अल्का याग्निक से लेकर उदित नारायण और कविता कृष्णमूर्ती जैसे सिंगर्स का बोलबाला था। रेडियो से लेकर टीवी तक में बस इन्हीं गायकों की आवाज गूंजती थी। लेकिन, फिर दुनियाभर में पॉप म्यूजिक का दौर शुरू हुआ और भारत में भी इसे खूब पसंद किया गया। इसी दौर में हिंदी म्यूजिक इंडस्ट्री में भी एक इंडी-पॉप सिंगर ने कदम रखे और सबके दिल जीत लिए। पॉप म्यूजिक पसंद करने वालों के दिलों को सुकून देने वाला ये पॉप-स्टार असल में एक डॉक्टर था, जिसने म्यूजिक लवर्स के दिलों का भी इलाज किया। हम बात कर रहे हैं ‘यूफोरिया’ के फाउंडर पलाश सेन की, जिन्होंने 90 के दशक के आखिरी और 2000 की शुरुआत में कई सुपरहिट गाने दिए।
पलाश सेन के हिट गाने
पलाश सेन यूफोरिया के फाउंडर होने के साथ-साथ लीड सिंगर भी हैं, जिन्होंने ‘महफूज’, ‘माई री’ और ‘धूम पिचक’ जैसे जाने कितने ही हिट गाने दिए और म्यूजिक लवर्स के दिल जीत लिए। पलाश सेन एक सिंगर होने के साथ-साथ एक शानदार एक्टर भी रहे हैं और 2002 में रिलीज हुई मेघना गुलजार की ‘फिलहाल…’ में भी नजर आए थे, जिसमें तब्बू और सुष्मिता सेन भी थीं। पलाश ने कॉलेज के दिनों से ही अंग्रेजी गाने लिखने शुरू कर दिया थे और उनकी पहली रचना ‘हेवन ऑन द सेवेंथ फ्लोर’ थी, जो उन्होंने अपने कॉलेज हॉस्टल को समर्पित की थी।
एमएस करने के बाद बनाया बैंड
पलाश सेन एक ऐसे सिंगर हैं, जिनमें हर एक कला भरी है। वह एक शानदार सिंगर होने के साथ-साथ बेहतरीन सॉन्ग राइटर, कंपोजर, डायरेक्टर और एक्टर भी हैं। यही नहीं वह एक फिजीशियन भी हैं। जी हां, म्यूजिक लवर्स के दिलों पर राज करने वाले पलाश डॉक्टर हैं। पलाश सेन ने एमबीबीएस और ऑर्थोपेडिक्स में एमएस की पढ़ाई के बाद म्यूजिक इंडस्ट्री का रुख किया था। हालांकि, उन्होंने अपने बैंड यूफोरिया कॉलेज के दिनों में ही बना लिया था और इसका पहला गाना ‘धूम पिचक धूम’ जैसे ही रिलीज हुआ हर तरफ छा गया। इसी के साथ उनका नया सफर शुरू हुआ और 1990 से लेकर 2005 के बीच उनके गानों का क्रेज पीक पर था।
गले में पहनते हैं मां का मंगलसूत्र
पलाश सेन को लेकर एक बात और मशहूर है और वो ये कि वह अपने गले में अपनी मां का मंगलसूत्र पहनते हैं। दरअसल, पलाश सेन अपनी मां से बेहद प्यार करते हैं और उनका मंगलसूत्र पहनकर ही मंच पर परफॉर्म करते हैं, ये उनका उनके परिवार के लिए प्यार और सम्मान दिखाता है। पलाश की मां का नाम डॉक्टर पुष्पा सेन है, जिन्होंने अपने बेटे को डॉक्टर बनाने के साथ-साथ म्यूजिक की भी सीख दी। पलाश के अनुसार, मां का मंगलसूत्र पहनकर परफॉर्म करना, उनके लिए अपनी मां का प्यार और आशीर्वाद महसूस करने का तरीका है।
पलाश सेन का बैंड
पलाश सेन का बैंड यूफोरिया एक समय पर युवाओं की पहली पसंद बन गया था। रेडियो से लेकर टीवी, सीडी तक हर जगह बस यूफोरिया के ही गाने छाए रहते थे। एक समय ऐसा भी आया जब पलाश का बैंड यानी यूफोरिया भारत का नंबर 1 बैंड बन गया।