
गिरिराज सिंह का विपक्ष पर हमला।
बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंका जा चुका है। चुनाव आयोग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 6 नवंबर और 14 नवंबर की तारीख को दो चरणों में होगी। इसके बाद 14 नवंबर को चुनाव के परिणाम की घोषणा की जाएगी। चुनाव ऐलान के बाद सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच होने जा रहा है। इस बीच बिहार चुनाव पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह का इंटरव्यू सामने आया है।
एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर क्या दिक्कतें आ रही हैं, कहा जा रहा है कि चिराग पासवान नाराज चल रहे हैं?
जो दिखता है वह होता नहीं है और जो होता है वह दिखता नहीं है। तीन दिनों से पार्टी मंथन कर रही है, हमारे यहां सब कुछ ठीक है, नेता तय है नीति तय है नियत साफ है।
कब तक मामला सुलझ जाएगा?
हो जाएगा…ऐसी कोई बात नहीं है। हम लोग सामाजिक समीकरण और सबके साथ मिलकर कर रहे हैं इसलिए थोड़ा समय लग रहा है।
महागठबंधन में भी सीटों के बंटवारे में पेंच है?
वहां तो कुछ हुआ ही नहीं है, वहां कांग्रेस के नेता उदित राज ने कह दिया कि तेजस्वी यादव आरजेडी के मुख्यमंत्री हैं कांग्रेस ने तय नहीं किया है कि महागठबंधन का नेता कौन होगा। चुनाव के बाद तय होगा। एक कह रहे कि मैं डिप्टी सीएम बन गया और भी 5 से 6 दल हैं। सब कह रहे हैं कि मैं किसी से कम नहीं। मुकेश सहनी ने तो डिक्लेयर कर दिया। वहां कोई गठबंधन नहीं है, सभी स्वयंभू है।
आखिर कांग्रेस तेजस्वी के नाम की घोषणा क्यों नहीं कर रही है?
अगर नियत साफ हो तभी ना होगा, हम लोग की नियत साफ थी। तय किया कि नीतीश कुमार तो रिजल्ट के बाद 2020 में हमने नीतीश जी को मुख्यमंत्री बनाया, अभी भी हमने कहा है तो नीतीश कुमारी होंगे लेकिन महागठबंधन में कांग्रेस की चिरौरी करते रहे। प्रधानमंत्री राहुल गांधी को बता दिया, जननायक भी कह दिया, लेकिन राहुल गांधी ने तेजस्वी जी का नाम नहीं लिया। अब लालू जी फ्रस्ट्रेशन में है और यह सब उनके फ्रस्ट्रेशन को और बढ़ा रहा है। डिप्टी सीएम की घोषणा कर रहे लेकिन CM का पता नहीं है। बच्चे का पता नहीं और झुनझुना लेकर सब घूम रहे।
लेकिन तेजस्वी यादव तो कह रहे हैं कि 14 नवंबर 2025 को बिहार में इतिहास बनेगा?
हां, इतिहास तो बनेगा ही। 2010 में भी इतिहास बना था। पिताजी से पूछ लें और इस बार 2010 से अच्छा होगा। 2015 में लालू जी को नीतीश कुमार का लॉकेट बना लेना चाहिए था, पूरे परिवार को पुनर्जीवन मिल गया नहीं तो आज यह स्थिति नहीं होती।
आपका क्या आंकलन है इस बार चुनाव में क्या होगा?
ऐसे तो हमने नारा दिया है 2025 में 225, आखिर क्यों नहीं होगा? जब सरकार की तुलना होगी जनता के बीच तो हम तो 2005 तक का हिसाब मांगेंगे, 20 साल का हिसाब नीतीश कुमार देंगे तो नीतीश जी और लालू जी के हिसाब में अंतर तो देखा ही जायेगा। हम तो बताएंगे क्या था जंगल राज, शाम को लोग घर लौट जाते थे और आज अमन चैन है, उस समय चरवाहा विद्यालय था आज इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज है, उस समय गाड़ियां शोरूम से उठा ली जाती थी, आज मेरे बेगूसराय में 177 गाड़ियों का शोरूम है।
लेकिन कहा जा रहा है कि 20 साल की सरकार को लेकर एंटीइनकमबैसी है और इसका नुकसान होगा?
आप गुजरात देखे नहीं, कहां एंटीइनकमबैसी थी, आप जाकर सर्वे करें, किसान मजदूर महिला युवक चारों वर्ग से जाकर पूछ लें। नीतीश कुमार-नरेंद्र मोदी हमारे नेता है और इन दोनों के नेतृत्व में इस बार के चुनाव में इतिहास रचा जाएगा। 2010 से भी अच्छी स्थिति में एनडीए होगा।
विपक्ष कह रहा है कि सारी योजनाएं चुनाव के ठीक पहले लाई गई हैं लोगों को लुभाने के लिए?
लुभाने के लिए नहीं है, लालू जी बता दें कि कितनी महिला का जीविका बनाया था उन्होंने, किसी को घर दिया था? उन्होंने किसको शौचालय दिया था? किसको बिजली दी थी? किसी को पानी पहुंचाया था? किसको 5 किलो अनाज दिया था?
तेजस्वी यादव तो कह रहे हैं कि उनकी सारी योजनाओं की सरकार नकल कर रही है, विजन उनके पास है?
विजन तो है, चरवाहा विद्यालय का विजन है। पिताजी के डायरेक्टरशिप में ये सब हुआ था। इनकी अपनी उपलब्धि क्या है? अगर यह लालू यादव के बेटे नहीं होते और राहुल गांधी गांधी परिवार के नहीं होते तो इनको मोहल्ला का लोग भी नहीं पहचानता।
तेजस्वी यादव कहते हैं कि 17 महीने की उनकी सरकार में उन्होंने काम करके दिखाया है?
माल महाराज का मिर्जा खेले होली, अपने मुंह मियां मिट्ठू। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री थे नेता नीतीश कुमार थे तो उन्होंने क्या किया। अपने विभाग में क्या किया जो जिम्मेदारी आपको मिली थी उस विभाग में क्या किया। यह मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं। लालू जी फ्रस्ट्रेशन में हैं। मैं आज आपको कहता हूं बिहार की जनता फिर से वह दिन नहीं लौटने देगी
कहा जा रहा है कि प्रशांत किशोर की पार्टी की वजह से आप लोगों को नुकसान हो सकता है, यह कितनी बड़ी चिंता है?
मेरा मानना है हर चुनाव में कुछ निर्दलीय उम्मीदवार रहते हैं, उसको एक प्लेटफार्म मिलेगा। निर्दलीय भी वोट कटवा होता है। उन्होंने तो एक वक्तव्य दिया भी कि मैं जहां मुसलमान दूंगा वहां महागठबंधन नहीं देगा। इसका मतलब इंटरनल इन लोगों का कुछ ना कुछ गठबंधन है, खुद उन्हीं का स्टेटमेंट है।
प्रशांत किशोर ने अपनी जीत का एक फार्मूला बताया है कि 28% ऐसे मतदाता जो ना एनडीए और ना ही महागठबंधन को वोट किए थे, वह उनके साथ होंगे और दोनों गठबंधन का वोट भी काटेंगे?
गणित के एक टीचर थे, 5-6 बच्चे थे, उन्होंने सबका जोड़ लिया, सबका एवरेज कर लिया और पानी में घुसे तो सब डूब गए, गणित से नहीं चलता है, यह चलता है जमीनी हकीकत से और जमीनी हकीकत साफ है कि वोट कटवा को लोग वोट नहीं देगा और लालू जी को का राज दोबारा फिर नहीं आएगा।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी कई रैलियां बिहार में करने आ रहे हैं, 10 रैली राहुल गांधी की होगी?
घूम तो लिए, राहुल गांधी प्रियंका गांधी SIR को लेकर आये थे, वह भी ढाक के तीन पात हो गया, अब क्या होगा? मूस मोटाइहें लोढ़ा होइयें-हमारे बिहार की कहावत है।
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