युद्धविराम के बाद गाजा में जश्न मनाते स्थानीय लोग (फाइल फोटो)- India TV Hindi
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युद्धविराम के बाद गाजा में जश्न मनाते स्थानीय लोग (फाइल फोटो)

काहिरा: इज़रायल और हमास ने गाजा में दो साल से चल रहे विनाशकारी युद्ध को  रोकने  और  बंधकों की रिहाई के बदले फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने  पर सहमति जता दी है। यह समझौता जहां खुशी और राहत लेकर आया है, वहीं इससे जुड़ी कई आशंकाएं भी बरकरार हैं। फिलहाल इस समझौते के बाद उम्मीद की जा रही है कि हमास आने वाले दिनों में  सभी जीवित बंधकों  को छोड़ देगा, जबकि इज़रायली सेना  गाजा के अधिकांश हिस्सों से पीछे हटना  शुरू करेगी। दोनों पक्षों में सहमति बनने के बाद बृहस्पतिवार को गाजा के स्थानीय नागरिक जश्न में डूब गए। लोगों ने एक दूसरे को लगे लगाकर और मिठाई खिलाकर बधाई दी। 

 

गाजा में हैं 48 बंधक

 इस समय गाजा में हमास के पास 48 बंधक हैं। इनमें से लगभग  20 जीवित  माने जा रहे हैं। हमास सभी बंधकों को जीवित या मृत अवस्था में लौटाने को राजी हो गया है। इससे दोनों पक्षों ने गाजा में युद्ध विराम की घोषणा कर दी है। पहले चरण की रिहाई का खाका तैयार कर लिया गया है। इससे गाजा में जश्न मनाना शुरू हो गया है। 


 संधि की प्रमुख बातें

  •  समझौते  की औपचारिक घोषणा  इज़रायल की संसद  में की जाएगी और फिर  मिस्र में हस्ताक्षर  होंगे।
  •  इसमें उन  कैदियों की सूची  भी होगी जिन्हें रिहा किया जाएगा।
  •  इज़राइली संसद  से मंजूरी के बाद  24 घंटे  का समय दिया जाएगा ताकि पीड़ित पक्ष आपत्ति दर्ज कर सकें।
  •  गाजा से सेना की वापसी  गुरुवार शाम  से शुरू हो सकती है।
  •  रविवार रात  या  सोमवार से  बंधकों और कैदियों की रिहाई शुरू हो सकती है।
  •  रफ़ा बॉर्डर सहित पांच सीमा चौकियां  खोली जाएंगी, शुरुआत में रोज़ाना 400 ट्रकों को गाजा में प्रवेश की अनुमति होगी, बाद में यह संख्या 600 तक बढ़ेगी।


  ट्रंप की भूमिका और अमेरिका की योजना

 अमेरिका के राष्ट्रपति  डोनाल्ड ट्रंप  की मध्यस्थता से यह समझौता हुआ है। ट्रंप ने एक वीडियो कॉल में बंधकों के परिवारों से कहा, “बंधक वापस आ रहे हैं। वे सोमवार को लौट आएंगे।” अमेरिका गाजा के पुनर्निर्माण के लिए एक  अंतरराष्ट्रीय सहायता योजना  का नेतृत्व करेगा। गाजा की आंतरिक सुरक्षा के लिए  अरब और मुस्लिम देशों की अंतरराष्ट्रीय सेना  तैनात की जाएगी। फिलिस्तीनी प्राधिकरण  को भविष्य में भूमिका दी जा सकती है, लेकिन इसमें व्यापक सुधारों की शर्त होगी।

 जमीनी हालात और प्रतिक्रियाएं

समझौते की घोषणा के बाद भी गाजा में इज़रायली हमले जारी हैं। बृहस्पतिवार को भी उत्तरी गाजा में विस्फोट देखे गए। खान यूनिस  में लोग खुशी और शोक के मिले-जुले भाव में हैं। मोहम्मद अल-फर्रा ने कहा,”हमने अपनों को खोया, घर खोया… हम लौटना चाहते हैं, लेकिन वहां रहने लायक कुछ नहीं बचा। ” 

 

बंधक परिवारों में भी जश्न

युद्धविराम के बाद बंधकों और कैदियों की रिहाई के ऐलान के बाद तेल अवीव  में बंधकों के परिवारों ने भी खुशी में आंसू बहाए और जश्न मनाया। जेरूसलम  में कुछ लोगों ने कहा, “हमने दो साल आतंक में बिताए, आज राहत की सांस ली है।”


नेतन्याहू की सुरक्षा बैठक

 इज़रायल के प्रधानमंत्री  बेंजामिन नेतन्याहू  सुरक्षा कैबिनेट की बैठक में युद्धविराम को मंजूरी देंगे, फिर संसद  फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई  पर मतदान करेगी। दक्षिणपंथी वित्त मंत्री  बेज़ालेल स्मोटरिच  ने इसे लेकर मिश्रित भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने बंधकों की वापसी का स्वागत किया, लेकिन “आतंकी नेताओं की रिहाई” पर चिंता जताई।

कब शुरू हुआ था युद्ध

 यह युद्ध 7 अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा इज़रायल पर घातक हमले के साथ शुरू हुआ था, जिसमें  1,200 लोग मारे गए  और  251 को बंधक बना लिया गया। इसके बाद इज़रायल की जवाबी कार्रवाई में  गाजा में 67,000 से अधिक लोगों की मौत  हो चुकी है और  लगभग 1.7 लाख घायल  हुए हैं। इनमें करीब  आधी संख्या में महिलाएं और बच्चे  हैं। यह इस युद्ध के दौरान  तीसरी बार युद्धविराम  हुआ है। पिछले दोनों में भी बंधकों और कैदियों की अदला-बदली हुई थी। मार्च में एक युद्धविराम को इज़रायल ने अचानक बमबारी कर तोड़ दिया था।

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