
ज्योति सिंह ने प्रशांत किशोर से की मुलाकात।
पटना: भोजपुरी एक्टर और सिंगर पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह आज जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर से मिलने पहुंची। यहां पटना के शेखपुरा हाउस में ज्योति सिंह ने प्रशांत किशोर से मुलाकात की। हालांकि दोनों की मुलाकात के राजनीति मायने निकाले जा रहे हैं, लेकिन मुलाकात के बाद दोनों ने चुनाव या टिकट के लिए की गई किसी भी चर्चा से इनकार किया है। पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह का कहना है कि उन्होंने सिर्फ न्याय के लिए प्रशांत किशोर से मुलाकात की है। वह ऐसी महिलाओं के लिए न्याय चाहती हैं, जिनके साथ अन्याय हो रहा है।
मुलाकात के बाद क्या बोलीं ज्योति सिंह?
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद भोजपुरी एक्टर और सिंगर पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने कहा, “मैं यहां चुनाव लड़ने या टिकट मांगने नहीं आई हूं, मैं यह सुनिश्चित करने आई हूं कि किसी और महिला को मेरे जैसा अन्याय न सहना पड़े। मैं ऐसी सभी महिलाओं की आवाज बनना चाहती हूं, जिनके साथ ऐसा अन्याय हो रहा है, इसलिए मैं प्रशांत भैया से मिली।” यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव लड़ने या टिकट को लेकर भी कोई बात हुई है? इस पर ज्योति सिंह ने कहा, “चुनाव या टिकट पर कोई चर्चा नहीं हुई। मैं यहां सिर्फ उन सभी महिलाओं के लिए आई हूं, जिनके साथ अन्याय हो रहा है। मैं महिलाओं के लिए न्याय मांगने आई हूं।”
बिहार की महिला के तौर पर आईं ज्योति सिंह: PK
वहीं ज्योति सिंह से मुलाकात के बाद जनसुराज पार्टी के अध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा, “ज्योति सिंह यहां बिहार की महिला के तौर पर आई हैं। इनकी बातों को हम लोगों ने सुना है। सबसे पहले तो इन्होंने चुनाव लड़ने की कोई बात नहीं की है। उन्होंने बस अपनी यह बात रखी है कि इनके साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है, उसमें यह चाहती हैं कि इनके साथ जो हुआ है कम से कम बिहार की दूसरी महिलाओं के साथ ऐसा ना हो। यह चाहती हैं कि उन्हें जनसुराज से मदद मिले। किसी भी पारिवारिक मामले में जनसुराज की कोई भूमिका नहीं है, लेकिन सुरक्षा के मामले में जनसुराज पूरी तरह से आपके साथ खड़ा रहेगा।”
पवन सिंह भी हमारे मित्र: प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “पवन सिंह भी हमारे मित्र हैं, यह उनका पारिवारिक मामला है और इसमें हम कुछ नहीं कह सकते हैं। मेरी ये सामाजिक जिम्मेदारी है कि मैं इनसे मुलाकात करूं और इनकी बात सुनूं। बिहार की कोई भी महिला, शहरी या अन्य व्यक्ति यदि उसे लगता है कि हमारे सामने अपनी बात रखने से उसे मदद मिल सकती है तो हम सुनने के लिए तैयार हैं।”
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