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स्मिता पूर्वे को RJD का सिंबल देते तेजस्वी यादव

पटना: महागठबंधन के दो अहम घटक दल कांग्रेस और आरजेडी में बगावत का सिलसिला जारी है। ताजा मामला परिहार विधानसभा सीट का है जहां RJD के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रामचंद्र पूर्वे की बहु स्मिता पूर्वे को मिला यहां से सिंबल दे दिया है। इससे रितु जायसवाल नाराज हैं। स्मिता पूर्वे को तेजस्वी यादव ने पार्टी का सिंबल दिया है। इससे नाराज होकर रितु जायसवाल ने RJD उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके अपनी नाराजगी जाहिर की है। रितु जायसवाल राष्ट्रीय जनता दल में अभी महिला विंग की स्टेट प्रेसिडेंट के पद पर हैं।

कांग्रेस ने दलबदलू नेता को मैदान में उतारा

उधर, कांग्रेस में भी सीट बंटवारे पर अंदरूनी तनातनी चल रही है। कांग्रेस ने कुछ दिन पहले अपनी पहली सूची में 48 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे और शुक्रवार को एक और नाम का ऐलान किया। अब उसने शनिवार देर शाम पांच और उम्मीदवारों की घोषणा की, जिनमें किशनगंज सीट भी शामिल है। हालांकि कांग्रेस ने इस सीट से अपने मौजूदा विधायक इजहारुल हुसैन को टिकट न देकर एक दलबदलू नेता को मैदान में उतारा है। 

किशनगंज से कांग्रेस उम्मीदवार कमरुल होदा पहले एआईएमआईएम के टिकट पर 2019 के उपचुनाव में विजयी हुए थे, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे। उन्होंने दो वर्ष पहले राजद का दामन थामा था और अब वह कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाले राजद के दूसरे नेता हैं। इससे पहले ऋषि मिश्रा को जाले सीट से उम्मीदवार बनाया गया था। कांग्रेस की नई सूची में कसबा सीट से इरफान आलम का नाम भी शामिल है। पहले इस सीट से पूर्व मंत्री अफाक आलम को लगातार चौथी बार मौका देने की चर्चा थी, लेकिन पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव की नाराजगी की आशंका को देखते हुए पार्टी ने इरफान आलम को उम्मीदवार बना दिया। आलम कभी जद (यू) में थे और अब पप्पू यादव के करीबी हैं।

 पूर्णिया विधानसभा सीट से जितेंद्र यादव उम्मीदवार

 पूर्णिया विधानसभा सीट से कांग्रेस ने जितेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है, जिनकी पत्नी शहर की महापौर हैं, जबकि गया नगर सीट से उप महापौर महेंद्र कुमार श्रीवास्तव को टिकट दिया गया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस 2020 की तुलना में कम सीटों पर चुनाव लड़ेगी, हालांकि सटीक संख्या अभी स्पष्ट नहीं है। कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। 

इधर पटना में कांग्रेस के कई नाराज नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन कर एआईसीसी प्रभारी कृष्णा अल्लावरु पर “टिकट बेचने” के गंभीर आरोप लगाए और गड़बड़ी के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया। विपक्षी गठबंधन के कम से कम आठ सीटों पर दो सहयोगी दलों के बीच सीधा मुकाबला होने की स्थिति है। इनमें से तीन सीटों पर तो राजद और कांग्रेस आमने-सामने आ सकती हैं। सूत्रों के अनुसार, आरक्षित सीट कुटुंबा से जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार राम दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं, वहां भी राजद अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। इससे नाराज राम ने सोशल मीडिया पर कई तीखे पोस्ट किए, जिन पर कांग्रेस नेतृत्व ने नाराजगी जताई है। (इनपुट-भाषा)





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