
Pakistan Defence Minister Khawaja Asif (R) Afghanistan Defence Minister Mullah Mohammad Yaqoob (L)
Pakistan And Afghanistan Peace Talks: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जारी तनाव को खत्म करने के लिए इस्तांबुल में हुई शांति वार्ता फेल हो गई है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने बताया कि दोनों देशों के बीच हुई यह बातचीत किसी समझौते तक नहीं पहुंच सकी है। वार्ता 25 अक्टूबर से तुर्किये और कतर की मध्यस्थता में चल रही थी। वार्ता दोहा में पहले दौर की वार्ता के बाद हुई थी जिसमें 19 अक्टूबर को दोनों पक्षों के बीच सीमा संघर्षों के बाद युद्ध विराम हुआ था।
क्या बोले पाकिस्तान के सूचना मंत्री?
पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने कहा कि इस्तांबुल में 4 दिनों की बातचीत के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शांति वार्ता विफल हो गई है। उन्होंने काबुल स्थित तालिबान सरकार पर सीमा पार हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार करने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान तालिबान पर आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाता है, जबकि काबुल इस बात से इनकार करता है कि उसके क्षेत्र का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ किया जा रहा है।
‘पाकिस्तान ने दिया शांति का मौका’
पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि कतर और तुर्किये की मध्यस्थता के बावजूद, बातचीत से कोई व्यावहारिक समाधान नहीं निकला है। तरार के बयान पर काबुल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इससे पहले दोनों देशों की मीडिया ने समझौते तक पहुंचने में विफलता के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया। तरार ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने शांति को एक मौका दिया और तालिबान सरकार के साथ बातचीत की।
Pakistan Afghanistan Border
‘पाकिस्तान का धैर्य जवाब दे चुका है’
तरार ने कहा, “पाकिस्तान का धैर्य जवाब दे चुका है।” उन्होंने चेतावनी दी कि इस्लामाबाद “अपने लोगों को आतंकवाद के खतरे से बचाने के लिए हर संभव कदम उठाना जारी रखेगा।” इससे पहले, मंगलवार को, वार्ता की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले 3 पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया था कि इस्तांबुल वार्ता में गतिरोध इसलिए पैदा हो गया क्योंकि काबुल ने यह आश्वासन देने की मांग स्वीकार करने में अनिच्छा दिखाई कि अफगान धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ नहीं किया जाएगा।
क्या कहता है पाकिस्तान?
पाकिस्तान में आतंकवादी हमले बढ़े हैं जिसके लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराता है। इस्लामाबाद का कहना है कि 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से इस समूह को अफगानिस्तान में पनाह दी जा रही है। पाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा है कि देश की सेना ने इस महीने की शुरुआत में अफगानिस्तान में टीटीपी के ठिकानों को निशाना बनाया था जिसके बाद दोनों देशों के बीच झड़पें हुई हैं। हालात ऐसे हैं कि दोनों देशों के बीच सीमा पर व्यापार मार्ग बंद हैं।
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