
आखिर कैसे फेल हो गई तेजस्वी की स्ट्रैटजी?
पटना: बिहार में दो चरणों के तहत विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया। इसके साथ ही आज 14 नवंबर को सुबह 8 बजे से ही मतों की गणना जारी है। सुबह से ही एनडीए लगातार बढ़त बनाए हुए है। वहीं महागठबंधन को इस बार चुनाव में मुंह की खानी पड़ी है। चुनाव के पहले से ही विपक्ष के सबसे बड़े नेता और सीएम पद के दावेदार तेजस्वी यादव लगातार बड़े वादे कर रहे थे। तेजस्वी यादव के नौकरी से लेकर महिलाओं के खाते में रुपये भेजने के तमाम दावे धरे के धरे रह गए। ऐसे में तेजस्वी यादव की स्ट्रैटजी कहां फेल हो गई, इसे लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं।
कहां फेल हुई तेजस्वी की स्ट्रैटजी
तेजस्वी यादव की स्ट्रैटजी फेल होने को लेकर तरह-तरह की बातें कहीं जा रही हैं। ऐसे में हम उन पांच मुख्य मुद्दों के बारे में जानेंगे, जिन्हें तेजस्वी के लिए सबसे बड़ा फेलियर माना जा रहा है। तेजस्वी की हार के पांच पॉइंटर कुछ प्रकार हैं-
- कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया
- सीटों के बंटवारे को लेकर राहुल गांधी के पीछ दौड़ते रहे
- मुकेश सहनी के आगे झुकते रहे, डिप्टी सीएम के पद पर भी राजी हो गए
- वास्तविक मुद्दे को छोड़कर वोट चोरी जैसे मुद्दे पर भटक गए
- महिलाओं की बंपर वोटिंग ने बिगाड़ा RJD का खेल
बिहार में मतगणना आज
बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को तो दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को हुआ। दोनों चरणों में मतदान प्रतिशत 67.13% रहा, जो 1951 के बाद से अब तक का सर्वोच्च स्तर है। कुल मिलाकर देखा जाए तो बिहार की जनता ने छप्पर फाड़ कर मतदान किया। इसके अलावा आज नतीजों का दिन है और सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि बिहार में अगली सरकार किसकी बनने वाली है। हालांकि यह भी थोड़ी ही देर में तय हो जाएगा।
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