रोहिणी तेजस्वी के बीच हुई बहस।- India TV Hindi
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रोहिणी तेजस्वी के बीच हुई बहस।

पटना: बिहार के राजनीतिक गलियारों में शनिवार को उस समय हलचल तेज हो गई जब लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने राजनीति और परिवार छोड़ने का ऐलान कर दिया। दरअसल, बिहार चुनाव में महागठबंधन को मिली हार के बाद अब लालू परिवार में फूट साफ दिखने लगी है। तेज प्रताप यादव के बाद अब रोहिणी आचार्य ने खुद को पार्टी और परिवार से अलग कर लिया है। इतना ही नहीं रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। शनिवार को तेजस्वी और रोहिणी के बीच पार्टी की हार को लेकर तीखी बहस भी हुई थी, जिसके बाद रोहिणी ने पार्टी और परिवार छोड़ने का ऐलान कर दिया।

बहस के दौरान दी गालियां

सूत्रों के अनुसार, शनिवार दोपहर में रोहिणी के साथ तेजस्वी की तीखी बहस हुई थी। रोहिणी ने हार की समीक्षा और जिम्मेदारी की बात कही थी। इसी दौरान रोहिणी ने तेजस्वी से कहा कि संजय यादव को लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरोध का हमें जवाब देना चाहिए। इसी बात को लेकर तेजस्वी से रोहिणी की बहस हो गई। सूत्रों के मुताबिक तेजस्वी ने रोहिणी से कहा- ” तुम्हारे ही कारण चुनाव हार गए। तुम्हारा हाय लग गया हम लोगों को।” बहस के दौरान गुस्से मे तेजस्वी ने बड़ी बहन रोहिणी की तरफ चप्पल भी फेंका। इस दौरान गालियां भी दीं।

सिर्फ राघोपुर में प्रचार की मिली जिम्मेदारी

सूत्रों के मुताबिक चुनाव की घोषणा से पहले रोहिणी के नाराज होकर सिंगापुर लौटने के बाद राघोपुर में चुनाव प्रचार के लिए खुद तेजस्वी ने रोहिणी को बुलाया था। रोहिणी ने वापस आकर मामले को खत्म करने की कोशिश भी की। मीडिया में किसी नाराजगी की बात से इंकार कर दिया, लेकिन विधानसभा के चुनाव प्रचार के दौरान रोहिणी अपने क्षेत्र सारण के हर विधानसभा में प्रचार के लिए जाना चाहती थीं, लेकिन उसे सिर्फ राघोपुर जाने दिया गया।

एक साल पुराना विवाद

लोकसभा चुनाव से एक साल पहले जुलाई, 2023 में खुद तेजस्वी ने रोहिणी से सारण से चुनाव लड़ने को कहा था, लेकिन रोहिणी ने कहा कि पापा कहेंगे तब वो इस पर फैसला लेंगी। लालू यादव की सहमति के बाद रोहिणी ने सारण की जगह पाटलिपुत्र से लड़ने की इच्छा जताई, लेकिन मीसा इसके लिए तैयार नहीं हुईं। आखिर में सारण से ही रोहिणी लड़ने को तैयार हो गईं।

संजय यादव की वजह से रोहिणी को किया गया अपमानित

लालू परिवार के करीबी सूत्रों के अनुसार इस समय तक सब ठीक था, लेकिन लोकसभा चुनाव के ठीक पहले यानि अभी से डेढ़ साल पहले से ही रोहिणी को लेकर संजय यादव की राय बदल गई। संजय यादव ने रोहिणी को तेजस्वी के राजनीतिक भविष्य के लिए खतरा बताना शुरू कर दिया। रोहिणी को पॉलिटिक्स छोड़ने की सलाह दी जाने लगी। कई बार रोहिणी को अपमानित किया गया। 

रोहिणी को हराने की कोशिश

रोहिणी के करीबी सूत्रों के अनुसार रोहिणी को सारण से चुनाव हराने की कोशिश भी की गई। इसमें लालू परिवार के एक करीबी एमएलसी को भी साथ लिया गया। ये एमएलसी खुद भी सारण से चुनाव लड़ने की इच्छा रखते थे। रोहिणी के चुनाव हारने के बाद रोहिणी का साथ नहीं देने वाले दो विधायकों को लेकर रोहिणी की नाराजगी रही। बावजूद विधानसभा चुनाव में दोनों नेता को टिकट दे दिया गया।

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