
झारखंड में बदल सकती है सियासत। (फाइल फोटो)
बिहार में बुरी तरह से हार झेलने के बाद कांग्रेस के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड में भी बड़ी सियासी अटकलें शुरू हो गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसी संभावना जताई जा रही है कि हेमंत सोरेन पाला बदल सकते हैं और कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा के नेतृत्व वाले NDA के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं। रिपोर्ट्स के हवाले से ये भी खबर सामने आई है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने हाल ही में दिल्ली में भाजपा के एक शीर्ष नेता से मुलाकात भी की है।
क्यों शुरू हुईं अटकलें?
हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन की भाजपा के शीर्ष नेता के साथ मुलाकात की खबरों ने राजनीतिक अटकलों को तेज कर दिया है। रिपोर्ट्स से मालूम चला है कि दोनों की भाजपा नेता के साथ मुलाकात एक नियमित शिष्टाचार भेंट से कहीं ज्यादा था। अंदरूनी सूत्रों ने ये जानकारी भी दी है कि भाजपा और JMM के बीच संभावित समझ को बनाने के लिए आधार तैयार हो चुका है। इस बीच झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की है।
झारखंड में क्या है सियासी गणित?
झारखंड में वर्तमान में जेएमएम, कांग्रेस, राजद आदि के गठबंधन की सरकार है जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कर रहे हैं। राज्य में विधानसभा की 81 सीटें हैं और बहुमत के लिए 41 सीटों की जरूरत होती है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के पास 34 सीटें, कांग्रेस के पास 16 सीटें, राजद के पास 4 सीटें और सीपीआई-एमएल (एल) के पास 2 सीटें हैं। इस हिसाब से सत्तारूढ़ गठबंधन के पास कुल 56 विधायक मौजूद हैं। वहीं, विपक्ष में भाजपा के पास 21 विधायक, एलजेपी के 1, आजसू के 1, जेडीयू के 1 और अन्य के 1 विधायक हैं।
झारखंड में भाजपा और जेएमएम पहले भी एक साथ सरकार बना चुके हैं। हालांकि, बीते कुछ चुनाव से दोनों दल एक दूसरे के धुर विरोधी हैं। अगर भाजपा और जेएमएम एक बार फिर से साथ आकर सरकार बनाते हैं तो ये राज्य की सियासत में एक नया अध्याय होगा।
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