ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतें बुधवार को 4,320 डॉलर प्रति औंस के ऊपर पहुंच गईं। - India TV Paisa

Photo:FREEPIK ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतें बुधवार को 4,320 डॉलर प्रति औंस के ऊपर पहुंच गईं।

वायदा बाजार में चांदी की कीमत में बुधवार को जबरदस्त उछाल देखा गया। हालांकि सोने में थोड़ी तेजी देखी जा रही है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर मार्च डिलीवरी अनुबंध के लिए चांदी की कीमत सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर बीते सत्र के मुकाबले 3.59 प्रतिशत उछल गई और यह 2,04,861 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। इसी समय, फरवरी डिलीवरी के लिए सोने की कीमत बीते सत्र के मुकाबले महज 0.03 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,34,454 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई। हाल के दिनों में चांदी की कीमत में लगातार उछाल जारी है।

महानगरों में प्रति 10 ग्राम सोने का हाजिर भाव

  • goodreturns के मुताबिक, 17 दिसंबर 2025 को दिल्ली में सोने का भाव 24 कैरेट सोने के लिए ₹13,466 प्रति ग्राम, 22 कैरेट सोने के लिए ₹12,345 प्रति ग्राम और 18 कैरेट सोने के लिए ₹10,103 प्रति ग्राम है।
  • मुंबई में आज सोने का भाव 24 कैरेट सोने के लिए ₹13,451 प्रति ग्राम, 22 कैरेट सोने के लिए ₹12,330 प्रति ग्राम और 18 कैरेट सोने के लिए ₹10,088 प्रति ग्राम है।
  • कोलकाता में बुधवार को सोने का भाव 24 कैरेट सोने के लिए ₹13,451 प्रति ग्राम, 22 कैरेट सोने के लिए ₹12,330 प्रति ग्राम और 18 कैरेट सोने के लिए ₹10,088 प्रति ग्राम है।
  • आज चेन्नई में सोने का भाव 24 कैरेट सोने के लिए ₹13,528 प्रति ग्राम, 22 कैरेट सोने के लिए ₹12,400 प्रति ग्राम और 18 कैरेट सोने के लिए ₹10,350 प्रति ग्राम है।
  • बैंगलुरु में आज सोने का भाव 24 कैरेट सोने के लिए ₹13,451 प्रति ग्राम, 22 कैरेट सोने के लिए ₹12,330 प्रति ग्राम और 18 कैरेट सोने के लिए ₹10,088 प्रति ग्राम है।

ग्लोबल मार्केट में क्या है सोने का भाव

tradingeconomics के मुताबिक, ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतें बुधवार को 4,320 डॉलर प्रति औंस के ऊपर पहुंच गईं। इसके साथ ही यह अक्टूबर में दर्ज किए गए अपने अब तक के सर्वकालिक उच्च स्तर के करीब पहुंच गईं। निवेशकों को उम्मीद है कि अगले साल अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की ओर से मौद्रिक नीति में और ढील दी जा सकती है। अमेरिका के श्रम बाजार में सुस्ती के और संकेत मिले हैं। नवंबर में बेरोज़गारी दर अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 4.6% हो गई, जो वर्ष 2021 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। वहीं, वेतन वृद्धि की रफ्तार भी धीमी होकर पिछले दो वर्षों से अधिक समय की सबसे कमजोर स्थिति में पहुंच गई है।

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