
इस्लामिक स्टेट पर हमले के लिए अपने विमान को तैयार करता अमेरिकी सैनिक।
दमिश्क: इस्लामिक स्टेट पर हमले के बाद मुस्लिम देश जॉर्डन ने कहा है कि अमेरिका के साथ मिलकर उसके जहाजों ने भी बम बरसाए। जॉर्डन ने शनिवार को पुष्टि की कि उसके वायु सेना ने सीरिया में इस्लामिक स्टेट ग्रुप के ठिकानों पर अमेरिका द्वारा किए गए हमलों में हिस्सा लिया। यह हमला इस महीने की शुरुआत में 3 अमेरिकी नागरिकों की हत्या के बदले में किया गया था। अमेरिका ने शुक्रवार को सीरिया में कई जगहों पर सैन्य हमले किए, ताकि इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों और हथियारों को खत्म किया जा सके। यह हमला एक हफ्ते पहले एक सीरियाई बंदूकधारी द्वारा किए गए हमले के जवाब में था, जिसमें 2 अमेरिकी सैनिकों और एक अमेरिकी ट्रांसलेटर की मौत हो गई थी।
‘हमने ISIS के कई ठिकानों को निशाना बनाया’
जॉर्डन की सेना ने एक बयान में कहा कि उसकी वायु सेना ने ‘सटीक हवाई हमलों में हिस्सा लिया और दक्षिणी सीरिया में ISIS के कई ठिकानों को निशाना बनाया।’ जॉर्डन IS के खिलाफ वैश्विक गठबंधन में शामिल 90 देशों में से एक है, जिसमें हाल ही में सीरिया भी शामिल हुआ है। अमेरिकी सेना ने इस बात की जानकारी नहीं दी है कि शुक्रवार के हमलों में कितने लोग मारे गए, लेकिन ब्रिटेन स्थित युद्ध निगरानी संगठन सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि कम से कम 5 लोगों की मौत हुई जिनमें आईएस की एक सेल का नेता और उसके सदस्य शामिल हैं।
‘ऑपरेशन का मकसद चरमपंथियों को रोकना था’
जॉर्डन के बयान में कहा गया कि इस ऑपरेशन का मकसद ‘चरमपंथी समूहों को रोकना था, ताकि वे इन इलाकों को इस्तेमाल करके सीरिया के पड़ोसी देशों और पूरे क्षेत्र की सुरक्षा को खतरे में न डाल सकें। खासकर ISIS ने दक्षिणी सीरिया में खुद को फिर से संगठित किया है और अपनी ताकत बढ़ाई है।’ इस क्षेत्र की निगरानी के लिए जिम्मेदार अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने एक बयान में कहा कि उसकी सेनाओं ने ‘मध्य सीरिया में कई जगहों पर 70 से ज्यादा ठिकानों पर हमले किए, जिसमें लड़ाकू विमान, हमलावर हेलीकॉप्टर और तोपखाने का इस्तेमाल किया गया।’ बयान में बताया गया कि हमले में जॉर्डन की वायु सेना के लड़ाकू विमान भी शामिल हुए।
ट्रंप ने खाई थी बहुत गंभीर पलटवार की कसम
बयान में आगे कहा गया कि 13 दिसंबर के हमले के बाद से ‘अमेरिका और उसके साथी सेनाओं ने सीरिया और इराक में 10 ऑपरेशन किए, जिनमें 23 आतंकवादी ऑपरेटिव मारे गए या गिरफ्तार किए गए।’ साथ ही, पिछले 6 महीनों में अमेरिका और उसके साथियों ने सीरिया में 80 से ज्यादा आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन किए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरियाई रेगिस्तान में हुई गोलीबारी के बाद ‘बहुत गंभीर जवाबी कार्रवाई’ का वादा किया था और IS को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था। मारे गए लोग पूर्वी सीरिया में तैनात सैकड़ों अमेरिकी सैनिकों में से थे, जो IS के खिलाफ गठबंधन का हिस्सा हैं।
