former ig amar singh chahal- India TV Hindi
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पंजाब के पूर्व IPS अधिकारी अमर सिंह चहल ने सुसाइड नोट लिखकर खुद को गोली मारी।

पटियाला में पूर्व आईपीएस अधिकारी अमर सिंह चहल ने सोमवार को रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने की कोशिश की। वह आईजी पद से रिटायर हुए थे। घटना के बाद नाजुक हालात में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अमर सिंह को गोली छाती के पास लगी जिससे उनका लीवर डैमेज हुआ। डॉक्टरों ने तुरंत उनका ऑपरेशन किया और अभी उन्हें अंडर ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। वहीं, पुलिस ने घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है जिसमें एक ऑनलाइन फ्रॉड से हुए वित्तीय नुकसान का जिक्र है। 12 पेज के इस सुसाइड नोट को पंजाब के डीजीपी के नाम से भी भेजा गया था। पुलिस फिलहाल सुसाइड नोट की असली वजह पता लगाने में जुटी है।

12 पन्नों के सुसाइड नोट पर लिखा- अर्जेंट आखिरी अपील

सुसाइड नोट में लिखा है, ”अत्यंत दुख और निराशा के साथ मैं आपके संज्ञान में यह लाना चाहता हूं कि मुझे कुछ साइबर ठगों द्वारा धोखा दिया गया, जो खुद को वेल्थ इक्विटी एडवाइजर बताकर 8 करोड़ 10 लाख रुपए की ठगी कर चुके हैं।” ये लाइनें पंजाब पुलिस के पूर्व आईजी की डीजीपी के नाम लिखी 12 पेज की चिट्ठी का हिस्सा है जिसमें पूर्व आईजी अमर सिंह चहल ने उनके साथ हुए ऑन लाइन फ्रॉड की सनसनीखेज कहानी बयां की है जिसके बाद पूर्व आईजी अमर सिंह ने अपने सुरक्षाकर्मी की रिवॉल्वर से पेट में गोली मार ली। घटना के बाद आनन फानन में घर वालों ने उन्हें पटियाला के पार्क अस्पताल में भर्ती कराया।

पूर्व आईजी ने खुद को गोली क्यों मारी, इसकी जांच पटियाला पुलिस ने शुरू कर दी है। हालांकि अमर सिंह ने 12 पेज का डीजीपी के नाम जो सुसाइड नोट खिला है उसमें उन्होंने सीधे खुद को ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार बताया है जिसमें 8 करोड़ 10 लाख रुपये के ऑनलाइन फ्रॉड का जिक्र है। 12 पेज के सुसाइड नोट में उन्होंने बताया कि-

  • उनके साथ निवेश के नाम पर ठगी की गई
  • वेल्थ इक्विटी एडवाइजर बताकर पैसे ठगे
  • ठग ने खुद को DBS बैंक का CEO बताया
  • IPO और OTC ट्रेड में मुनाफा का झांसा दिया
  • 3 खातों से 8 करोड़ से ज्यादा रुपए ट्रांसफर किए
  • डेशबोर्ड पर दिखा रहा मुनाफा फर्जी निकला
  • पैसे निकालने की कोशिश पर शुरू हुई उगाही

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सुसाइड नोट

ना दोस्तों को पता था, ना परिवारवालों को

अमर सिंह के दोस्तों का कहना है कि उनके साथ इस तरह की ठगी हुई है इसकी किसी को जानकारी नहीं थी। अमर सिंह के सुसाइड नोट की मानें तो उनके साथ निवेश के पैसे निकालने की कोशिश के बाद उगाही शुरू हुई। 5 करोड़ रुपये निकालने की कोशिश की तो उससे 1.5% सर्विस फीस और 3% टैक्स के नाम पर 2.25 करोड़ रुपए वसूल लिए गए। इसके बाद भी पैसे नहीं दिए गए और दोबारा 2 करोड़ रुपए लिए। इसके बाद 20 लाख रुपए प्रीमियम मेंबरशिप फीस के नाम पर मांगे गए। पूर्व आईजी के साथ ठगी के बारे में ना तो उनकी करीबियों को पता था ना ही उनके पड़ोसियों को। यहां तक कि उनके परिवारवालों को ठगी की कोई जानकारी नहीं थी।

कैसे ठगों ने ट्रैप करने वारदात को दिया अंजाम?

वहीं, अमर सिंह चहल अपने सुसाइड नोट में बताया कि कैसे ठगों ने ट्रैप करने उनके साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया-

  1. एक शख्स उनको खुद को DBS का CEO डॉ. रजत वर्मा बताकर रोजाना शेयर बाजार, IPO और ट्रेडिंग से जुड़े टिप्स देने लगा।
  2. उसकी प्रोफाइल में CEO की फोटो लगी थी इससे निवेशकों का भरोसा मजबूत होता गया।
  3. ग्रुप में सवाल पूछने की छूट थी और जवाब तुरंत मिलते थे।
  4. कुछ समय बाद निवेशकों को एक ऑनलाइन डेशबोर्ड दिखाया गया।
  5. इसमें चार तरह की स्कीम बताई गईं। डेली ट्रेड स्टॉक्स, ओटीसी ट्रेड, IPO, क्वांटिटेटिव फंड्स के बारे में जानकारी दी जाती गई।
  6. हर स्कीम में पिछले से ज्यादा रिटर्न दिखाया जाता था।
  7. ग्रुप ने दावा किया कि DBS ग्रुप को IPO में डिस्काउंटेड रेट पर शेयर मिलते हैं।
  8. OTC ट्रेड में 30-40% और क्वांटिटेटिव फंड्स में 50% से ज्यादा रिटर्न दिखाया गया

3 बैंक खातों से 8 करोड़ से ज्यादा की रकम ट्रांसफर की

सुसाइड नोट के मुताबिक अमर सिंह को ठगों ने इस तरह फंसाया था जिससे वो निकाल ही नहीं पा रहे थे। अमर सिंह ने 3 बैंक खातों से 8 करोड़ से ज्यादा की रकम ट्रांसफर की। ये खाते एक्सिस, HDFC और ICICI बैंक में थे, इसमें से 7 करोड़ रुपये पूर्व आईजी ने उधार लिए थे। सुसाइड नोट में अमर सिंह ने बैंक डिटेल्स, IFSC कोड, ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड दिखाए हैं।

फिलहाल पुलिस अब पूरे मामले की जांच में जुटी है। साथ ही पूर्व आईजी के साथ जो ठगी हुई वो रकम किन खातों में गई इसकी भी जांच की जा रही है। अमर सिंह चहल का परिवार अभी कुछ भी बोलने की हालत में नहीं है। हालांकि पुलिस को उम्मीद है कि एक दो दिन में जब परिवार वाले बोलने की हालत में होंगे तो इस मामले में और सबूत मिल सकते हैं।

(इनपुट: इंद्रपाल सिंह)

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