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चंडीगढ़ः हरियाणा विधानसभा ने हरियाणा दुकानें और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) विधेयक 2025 को पारित कर दिया है। इसके तहत दुकानों और निजी वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों के लिए दैनिक कार्य की अवधि को नौ घंटे से बढ़ाकर दस घंटे करने का प्रावधान है, जबकि कुल साप्ताहिक कार्य घंटों की सीमा 48 घंटे ही रखी गई है। यानी कर्मचारियों को सप्ताह में दो दिन वीक ऑफ (अवकाश) मिलेगा। 

श्रम मंत्री अनिल विज ने दी ये बड़ी जानकारी

विधानसभा में श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि यह श्रमिकों और दुकानदारों दोनों के लिए फायदेमंद है। यह श्रमिकों के साथ-साथ व्यापारियों के हित में भी है। उन्होंने कहा कि दुकानों पर कर्मचारियों की सीमा की अब कोई लिमिट नहीं रखी गई है। दुकानों पर 20 या उससे अधिक कर्मचारी रखे जा सकते हैं। 20 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को अब इस विधेयक के तहत पंजीकरण प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि उन्हें केवल अपने व्यवसाय की सूचना देनी होगी। पहले, हर दुकानदार को पंजीकरण कराना ज़रूरी था। उन्होंने बताया कि आज भी कर्नाटक जैसे राज्यों में, दुकानदारों को पंजीकरण कराना पड़ता है, भले ही उनके पास एक भी कर्मचारी न हो। मंत्री ने कहा कि इस विधेयक को अंतिम रूप देने से पहले, उन्होंने पूरे भारत के राज्यों के डेटा का अध्ययन किया।

20 से अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों के लिए पंजीकरण अनिवार्य

अनिल विज ने कहा कि हरियाणा में 20 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। इसी तरह, महाराष्ट्र, पंजाब, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भी 20 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों के लिए पंजीकरण अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के साथ-साथ महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भी दैनिक काम के घंटे 10 घंटे हैं। ओवरटाइम के संबंध में, हरियाणा में अधिकतम 156 घंटे की अनुमति है, जो देश में सबसे ज़्यादा है।





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